गूंज खबर पर लगी मोहर: कमलनाथ के वचन पर मोदी की गारंटी भारी रही
माही की गूंज, झाबुआ।
जिस प्रकार T-20 मैच में अंतिम बाल तक मैच के विजेता का आकलन करना मुश्किल होता है, कभी मैच इस तरफ झुकता है तो कभी उस तरफ ठीक इसी तरह चुनाव परिणामों को लेकर मध्य प्रदेश में जिले सहित कई सीटों पर रोमांचक मुकाबला रहा। कई सीटों पर कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा आगे निकलती रही और अंतिम समय तक आंकड़ा बदलता रहा।
अंतिम राउण्डो की गिनती में ही तस्वीर साफ हुई। झाबुआ जिले के संदर्भ में देखे तो पेटलावद विधानसभा और थांदला विधानसभा का ट्रेड लगभग एक जैसा रहा यहां कभी निर्मला की बढ़त रही तो कभी वालसिंह मैडा की।ठीक उसी तरह थांदला में वीरसिंह भूरिया पहले हर राउंड में लीड लेते नजर आए लेकिन बाद में कलसिंह आगे निकल गए, वहीं अंत में बेहद करीबी मुकाबले में 1340 वोटो से व निर्मला भूरिया लगभग 5647 वोटो से विजय हुई।
वही झाबुआ सीट पर शुरुआती रुझानों में भाजपा के भानु भूरिया लगातार बढ़त बनाए हुए थे , हालांकि ये बढत बहुत अधिक नहीं थी बाद के राउंड में डॉक्टर विक्रांत भूरिया लगातार बढ़त बनाए हुए रहे और 15693 मतों से विजय हुए। वहीं अलीराजपुर जिले की बात करें तो यहां जोबट विधानसभा में कांग्रेस की सेना पटेल ने एक तरफा 38757 वोटो से जीत दर्ज की है।शुरुआती रुझानों से ही उनकी बढ़त लगातार बढ़ती रही और अंत में उन्होंने एक बड़ी जीत दर्ज की।
वही अलीराजपुर में कांग्रेस के महेश पटेल और भाजपा के नागरसिंह चौहान में करीबी मुकाबला रहा जिसमें नागरसिंह चौहान ने 3723 वोटो से विजय होकर 2018 में हुई अपनी हार का बदला ले लिया।
कमलनाथ के वचन पर मोदी की गारंटी भारी
माही की गूंज ने अपने विश्लेषण में लिखा भी की कहीं न कहीं कमलनाथ के वचन पर मोदी की गारंटी भारी दिखाई दे रही है और वह बात चुनाव परिणामो में सही साबित हुई । भाजपा एक बड़े अंतर से मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव जीत रही है। हालांकि मोदी की गारंटी झाबुआ जिले में नहीं चली यहां तीन सीटों में से दो सीट कांग्रेस जीत रही है। यही नहीं जिला मुख्यालय पर हुई मोदी की विशाल जनसभा के बावजूद भाजपा , झाबुआ जिला मुख्यालय की सीट नहीं जीत पाई है। भाजपा को इस बात से संतोष रह सकता है कि, उसके पास अभी तक जिले में एक भी सीट नहीं थी लेकिन उसके पास अब पेटलावद सीट है। वही अलीराजपुर में भी पिछली बार दोनों सीट हारी थी लेकिन इस बार अलीराजपुर को जीतने में सफल रही।
कांतिलाल भूरिया व वीरसिंह का जादू बरकरार
थांदला विधानसभा में कांग्रेस के वीरसिंह भूरिया ने अकेले किला लडाते हुए यहां भाजपा सरकार को परास्त कर दिया। क्षेत्र में गांधीवादी नेता की छवि बना चुके वीरसिंह भूरिया ने अकेले ही केवल अपने जनसंपर्क और खाटला बैठक के माध्यम से ही भलेही कम वोटो जित हो पर यह सीट जीत ली उनके प्रचार के लिए कोई बड़ा नेता नहीं आया । वहीं झाबुआ सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई थी और उन्होंने अपने बेटे को स्थापित करने के लिए पूरी मेहनत की। प्रचार समिति के चेयरमेन होने के बावजूद प्रदेश तो क्या जिले में ही अन्य सीटों पर प्रचार के लिए नहीं निकल पाए। प्रधानमंत्री मोदी की सभा के बावजूद झाबुआ सीट पर कांग्रेस की विजय कांतिलाल भूरिया और विक्रांत भूरिया की व्यक्तिगत जीत मानी जाएगी।