अंचल की नाबालिग बच्चियां लगातार हो रही भांझगड़ी प्रथा का शिकार
माही की गूंज, पेटलावद।
अंचल में लगातार नाबालिक लड़कियों के गायब होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लगातार क्षेत्र में हावी होती भांझगड़ी प्रथा के चलते ऐसे गम्भीर मामलों में पुलिस, सख्त कानून होने के बाद भी समझौते और भांझगड़ी के चक्कर मे अपराध तक दर्ज नही करती है। और जब समझौता नही होता तो अपहरण और गुमशुदगी दर्ज कर मामले के आपसी निपटारे के प्रयास किये जाते हैं। अपराध दर्ज भी हो जाते है तो इन मामलों में क्या होता है इसकी कोई जानकारी नही मिल पाती है। पर नाबालिग के प्रति बढ़ते अपराधों की पोल खुद पुलिस रिकॉर्ड खोल देगा, जहा नाबालिग के अपहरण के सेकड़ो मामले दर्ज है। जिनके कोई अपराधी आज तक नही बन पाये है। ऐसा मामला रायपुरिया थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरवेट के ग्राम आमलीरुण्डा से सामने आया है। जहां पुलिस ने नाबालिग के घर से गायब होने के मामले को गंभीरता से न लेते हुए अपराध दर्ज करने में 15 दिन लगा दिए और अपराध दर्ज होने के 22 दिन बाद भी पीड़ित का पिता और परिवार लड़की से नही मिल पाया है। सबसे बड़ी बात पीड़ित के पिता द्वारा थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई है। ग्राम आमलीरुण्डा के वागमल ने थाना रायपुरिया में आवेदन देकर ग्राम तीखी निवासी राहुल पर नाबालिक लड़की को जबरन अपहरण करने का आरोप लगाया। पुलिस ने पीड़ित पिता की शिकायत दर्ज नही की लेकिन 18 नवम्बर को आरोपी पक्ष के पिता ने नाबालिग के पिता को धमकाते हुए जान से मारने ओर दूसरी औरत से फसाने की धमकी दे डाली। जिसकी शिकायत 19 नवम्बर को होने के बाद 20 नवम्बर को नाबालिक के अपहरण का मामला दर्ज किया गया। क्षेत्र में लगातार इस प्रकार के अपराधों में बढ़ोतरी होती जा रही है और कई बार नाबालिग लडकिया बड़े अपराध और प्रताड़ना का शिकार भी हो जाती है। लेकिन समझौते व भांझगड़ी से होने वाले निराकरण के चलते मामले सामने नही आते या दबा दिए जाते है।
22 दिनों से परेशान नाबालिक के पिता ने बताया कि, रायपुरिया पुलिस उसकी नाबालिग लड़की की खोजबीन करने और आरोपी पक्ष पर कार्रवाई करने में रुचि नही दिखा रही है। जिस कारण मेरी नाबालिग बेटी का जीवन खतरे में पड़ गया है। नाबालिग के पिता ने लड़की को आरोपी पक्ष से छुड़वा कर परिवार के सुपुर्द कर आरोपी पक्ष पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।