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लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति दे
16, Nov 2023 1 year ago

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मतदान अवश्य करें...

माही की गूंज, संजय भटेवरा। 

    झाबुआ। लंका विजय के लिए जब भगवान श्री राम श्रीलंका जा रहे थे, तो रास्ते में समुद्र था तो श्री राम की सेना के दो वानर जिनको वरदान था कि, उनके द्वारा फेके गए पत्थर पानी में तैरेगे पुल बनाने का कार्य कर रहे थे। तो प्रभु श्री राम देखते हैं कि, एक छोटी सी गिलहरी बालू रेत में लोट लगती जिससे उसके शरीर पर कुछ बालू रेट चिपक जाती और वह समुद्र में वह रेत गिराकर वापस बालू रेत में लौट लगाने लगती, यह क्रम काफी देर तक चलता रहा तो श्री राम को आश्चर्य हुआ कि, आखिरकार यह गिलहरी कर क्या रही है, उन्होंने उत्सुकतावश गिलहरी से ही पूछा तो गिलहरी ने जवाब दिया कि, प्रभु में आपके इस नेक कार्य के लिए पुल बनाने में आपकी मदद कर रही हूं, यह सुनकर प्रभु श्री राम भाव विभोर हो गए। कहने का तात्पर्य है कि, किसी भी नेक कार्य में चाहे अपना अंश छोटे से छोटा हो लेकिन प्रयास अवश्य करना चाहिए।

ऐसा ही एक कार्य है लोकतंत्र में जनता का जनता के लिए और जनता के द्वारा चुनी जाने वाली सरकार के लिए होने वाले मतदान का। लोकतंत्र के इस महायज्ञ में वोट रूपी आहुति प्रत्येक मतदाता को अवश्य डालना चाहिए, कई लोग यह सोचते हैं कि, मेरे एक वोट से क्या होगा उनको पिछले कुछ चुनाव के परिणामों पर नजर डालना चाहिए जहां हार-जीत का अंतर 1, 2 और 7 वोट तक रहा है।

कैसे डालें अपना वोट

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए एक मतदाता पर्ची जारी की है जो आपको आपके बूथ लेवल अधिकारी के माध्यम से मिल चुकी होगी। इस पर्ची में मतदान से संबंधित सारी जानकारी लिखी गई है जैसे मतदाता सूची में अपका क्रमांक कौनसा है, आपका मतदान केंद्र कौनसा है, आपको मतदान कब करना है आदि। इसके अलावा इस बार आपको मतदान पर्ची के अलावा पहचान के लिए अन्य दस्तावेज ले जाना आवश्यक है जिसमे निम्न शामिल है आधार कार्ड, परिचय पत्र, मनरेगा कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की फोटो मुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय द्वारा निर्गत हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आरबीआई अंतर्गत एनपीआर स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज, सर्विस पहचान पत्र, सांसद, एमएलसी और विधायक को निर्गत ऑफिशियल पहचान पत्र में से कोई भी एक आवश्यक है, इसको हम सरल शब्दों में कह सकते हैं कि, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी कोई भी फोटो युक्त परिचय पत्र जिससे मतदाता की पहचान हो सके आवश्यक है।

मतदान कल सुबह 7 बजे से

आप अपना पहचान पत्र और मतदाता पर्ची वोटर स्लिप लेकर अपने मतदान केंद्र में जाए और लाइन लगी है तो लाइन में लगाकर अपनी बारी का इंतजार करें अपनी बारी आने पर मतदान अधिकारी क्रमांक 1 के पास जाएं जो मतदाता सूची के अनुसार आपकी पहचान सुनिश्चित करेगा, उसके बाद आप मतदान अधिकारी क्रमांक 2 के पास जाए जो मतदाता रजिस्टर में आपके हस्ताक्षर लेगा तथा आपके बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर आमिर स्याही लगाएगा और आपको एक पर्ची जारी करेगा, वह पर्ची लेकर आप मतदान अधिकारी क्रमांक 3 के पास जाएं और वह पर्ची उसे दें तथा उंगली पर लगी स्याही दिखाएं जिसके बाद वह आपको मशीन द्वारा वोट जारी करेगा, उसके पश्चात आप मतदान प्रकोष्ठ में जाए तथा अपने पसंद के उम्मीदवार के सामने वाला नीला बटन दबाए और कुछ क्षण प्रतीक्षा करें, आपको एक बीप की आवाज सुनाई देगी साथ ही वीवीपैट मशीन पर लगी पारदर्शी खिड़की पर देखें जहां लाइट जलेगी और आपने जिस उम्मीदवार को वोट दिया है उसके चुनाव चिन्ह की पर्ची दिखाई देगी जो 7 सेकंड तक दिखाई देगी और उसके बाद उसी मशीन में नीचे गिर जाएगी, इस प्रकार आपका मतदान संपन्न होगा। यह प्रक्रिया उस मतदान केंद्र में सम्मिलित होने वाले आखरी मतदाता तक जारी रहेगी। आयोग द्वारा निर्धारित समय शाम 6 बजे तक का है लेकिन उस समय तक लाइन में लगे सभी मतदाताओं को टोकन जारी किए जाएंगे और अंतिम मतदाता के मतदान करने तक मतदान प्रक्रिया जारी रहेगी।

नोटा का विकल्प अभी

चुनाव आयुक्त द्वारा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ ही इनमें से कोई नहीं नोटा यानी आप चुनाव लड़ने वाले किसी भी अभ्यर्थी के दावो/वादों से सहमत नहीं है और आप अपना वोट किसी को भी नहीं देना चाहते तो आप नोटा के विकल्प पर जा सकते हैं, लेकिन इससे चुनाव परिणाम प्रभावशील नहीं होंगे। पिछले कुछ चुनावो में कई सीटों पर हार जीत के अंतर से ज्यादा मत नोटा को मिले, जिससे नोटा विकल्प पर एक बाहस छिड़ गई है, क्योंकि अधिकांश लोग नोटा में वोट डालना नहीं चाहते हैं। नोटा का बटन सबसे आखरी में रहता है और कई लोग जानकारी के अभाव में या अज्ञानतावश भूल से नीचे के बटन को पहला बटन समझ कर दबा देते हैं जिससे उनका वोट व्यर्थ चल जाता है। यही नहीं चुनाव आयोग ने नोटा को लेकर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है केवल आंकड़ों के विश्लेषण में ही नेता को मिले मतों का उपयोग किया जाता है।

    राष्ट्र और प्रदेश के हित में जागरूक नागरिक बने अपने अधिकार मतदान का प्रयोग अवश्य करें।


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