माही की गूंज, संजय भटेवरा।
2023 के चुनाव में राजनीतिक तस्वीर 2018 के मुकाबले की ठीक उल्टी दिखाई दे रही थी। 2018 में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के एकमात्र दावेदार और चेहरा शिवराज सिंह वहीं कांग्रेस असमंजस की स्थिति में थी और कांग्रेस ने सामूहिक नेतृत्व (कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया व दिग्विजय सिंह) के सहारे चुनाव लड़ा था लेकिन 2023 के चुनाव में स्थिति ठीक उल्टी है। कांग्रेस की ओर से चेहरा तथा मुख्यमंत्री पद का दावेदार तय (कमलनाथ) है, वहीं भाजपा शिवराज सिंह चौहान के इतने लंबे कार्यकाल के बावजूद सामूहिक नेतृत्व के सहारे चुनावी समर में कूद रही है। भाजपा ने तय किया है कि, वो मुख्यमंत्री पद का उम्मीद्वार घोषित नहीं करेगी। यानी अब तक जिस रणनीति के तहत वो कांग्रेस को घेरती आई है अब उसी का जवाब भाजपा को देना है। अब तक बिना दूल्हे की बारात का ताना कांग्रेस को देने वाली भाजपा के लिए सवाल का जवाब देना आसान नहीं होगा।
चुनाव आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पांच राज्यों में चार चरण में मध्य प्रदेश की 230, राजस्थान की 200, छत्तीसगढ़ की 90, तेलंगाना 119 व मिजोरम की 40 सीटों के लिए मतदान होगा तथा सभी सीटों पर मतों की गिनती का काम 3 दिसंबर को किया जाएगा। यानी 3 दिसंबर को यह तय हो जाएगा कि किस राज्य में किसकी सरकार बनेगी। तीन प्रमुख हिंदी भाषी राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर है, यहां अन्य कोई और तीसरा दल इन दोनों प्रमुख दलों को टक्कर देगा इसकी संभावना कम लग रही है। जबकि तेलंगाना में वर्तमान में बीआरएस व मिजोरम में एमएनएफ पार्टी सत्ता में है।
जहां तक मध्य प्रदेश का सवाल है चुनावी तैयारी में भाजपा कांग्रेस के मुकाबले आगे है। मध्य प्रदेश में पार्टी नम चार सूची के साथ 136 उम्मीद्वार तय कर दिए है पार्टी ने बूथ लेवल की तैयारी के साथ मतदाता सूची में पन्ना प्रमुख तक बना दिए हैं। वहीं कांग्रेस भले ही अपनी सूची तय नहीं कर पाई है लेकिन पार्टी ने जन आक्रोश यात्रा के साथ पूरा फीडबैक ले लिया है और चुनाव लड़न के लिये प्रत्याशियों को इशारा कर दिया है, वे पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुके हैं और पार्टी ने ब्लॉक स्तर से लेकर बूथ स्तर तक की तैयारिया पूर्ण कर ली है।
लाडली बहना v/s ग्यारह गारंटी
भाजपा की ओर से हाल ही में लागू की गई लाडली बहना योजना को पार्टी अपना मुख्य हथियार मान रही है। भाजपा का कहना है कि, प्रदेश में लगभग डेढ़ करोड़ महिलाओं को लाडली बहना योजना अंतर्गत 1250 रुपए हर माह का लाभ मिल रहा है और यह योजना चुनाव में गेम चेंजर साबित होगी, जिसका मुकाबला करने के लिए कांग्रेस की ओर से ग्यारह गारंटी दी जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि, समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर दी गई ग्यारह गारंटी जिसमें महिलाओं को 1500 रूपये प्रतिमाह, 100 यूनिट बिजली बिल माफ, 200 यूनिट तक आधा बिल, कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम प्रमुख है के सहारे कांग्रेस इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी। आगामी 35 दिनों तक आम जनता दोनों ही प्रमुख दलों के दावे-वादों और आश्वासनों को सुनेगी, समझेगी और उनका आकलन करेगी उसके बाद 36वें दिन मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपना निर्णय दे देगी और आम जनता ने जिसको आशीर्वाद दिया है... प्रदेश में कमल का राज कायम रहेगा या कमलनाथ वापसी करेगी। इसका निर्णय तो 3 दिसंबर को ही पता चल सकेगा।