माही की गूंज, मेघनगर।
मंगलवार को माही की गूंज वेब पोर्टल पर "ओवर ब्रिज पर लटकता लोहे का पोल कभी भी बन सकता है लोगो के लिए काल", "प्रशासन सोया कुंभकरणीय नींद में" शीर्षक के साथ सप्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद बुधवार को स्थानीय प्रशासन जागा और ब्रिज पर लटकते उक्त लाइट के लोहे के पोल की मरम्मत का कार्य स्थानीय नगर परिषद द्वारा करवा दिया गया। पोल को सीधा कर उसके चारों और सीमेंट कंक्रीट का भराव कर दिया गया। मगर विचारणीय प्रश्न ये है कि, इस ओवर ब्रिज के रख रखाव की मूल जिम्मदरी ओवर ब्रिज का निर्माण करने वाली एजेंसी की है, जिसको शासन ने करोड़ों रुपए का भुगतान किया था। तो उस पर इस लापरवाही के लिए प्रशासन कब कारवाई करेगा...? ये देखना होगा। क्यों की इस पोल के अलावा भी ब्रिज पर लगे अन्य 49 पोल भी सिर्फ एक लोहे की पतली प्लेट पर चार बोल्ट के सहारे कस कर लगाये हुए हैं। उनके चारों तरफ कोई मजबूत आधार नही है जो उन्हे स्थिर रख सके। इतने वजनी खंबे बोल्ट टूटते से कभी भी गिर सकते हैं और कोई बड़ा हादसा हो सकता है।