प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जन सुनवाई में पहुची शिकायतकर्ता
माही की गूंज, पेटलावद।
बड़े स्कूलों में बैठे कुछ प्राचार्यों ने पद का दुरुपयोग कर सारे नियमों को ताक में रखकर अतिथि शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा किया गया। कहीं ऊंची पहुंच वाले, तो कहीं गुलाबी गड्डी वाले, तो कहीं नाते-रिश्तेदारों की नियुक्ति कर वारे न्यारे कर लिए। मामला चाहे एकलव्य विद्यालय का हो जहां पूर्व प्रभारी प्राचार्य ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के नंबर देकर योग्य उम्मीद्वार को बाहर किया। मामला माडल स्कूल पेटलावद का हो तो वहां भी पूर्व प्रभारी ने अपने प्रभाव में लेकर रिश्तेदारों की अतिथि पद पर नियुक्ति देकर फौज इकट्ठी कर ली। सीएम राइज विद्यालय का हो तो वहां तो साहब अपने चहेतों को अतिथि नियुक्ति में बिना दस्तावेजो जांच के ही अपात्र को नियुक्ति देने का। मामला गूंज द्वारा उजागर करने के बाद जांच के आदेश भी हुए है लेकिन अब तक न जांच पूरी हुई न ही अपात्र को हटाया गया।
डिग्री नही होने के बाद भी पेनल में शामिल किए गए शिक्षक
सेटिंग से हो रही भर्ती में अथिति के लिए आये आवेदन में जिन आवेदको के पास पद के हिसाब से योग्यता नही होने के बाद भी पैनल में शामिल किया गया। बिना डिग्रीधारीयो को पैनल में शामिल कर लिया। वहीं तिकड़म बाज़ प्राचार्य द्वारा जानबूझकर एक अभ्यर्थी का आवदेन ही गायब कर दिया। ये खुलासा तब हुआ जब सूचना के अधिकार में जानकारी निकाली गई। सीएम राइज मे अभ्यर्थी बाली भारद्वाज द्वारा इस गड़बड़ी जिसमे उनकी जगह गलत तरीके से नियुक्ति ली गई। आवेदक बाली भारद्वाज ने जन सुनवाई में अभ्यर्थी के दस्तावेज जांच कर न्याय देने का आवदेन दिया गया। नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थी ने उक्त शिकायत खण्ड शिक्षा अधिकारी को भी की थी परन्तु न्याय नहीं मिलने पर मंगलवार को जनसुनवाई में आवदेन देकर न्याय दिलाने की अपील की। साथ ही प्राचार्य द्वारा अभ्यर्थी का नाम पैनल सूची से जानबूझकर नाम मे हेराफेरी करने व अपात्रों व बिना डिग्री धारी को पैनल में शामिल करने की जांच के साथ प्राचार्य पर भी कार्रवाई की मांग की हैं।