पेटलावद में देखने को मिला टिकिट की दावेदारी का शक्ति प्रदर्शन
माही की गूंज, पेटलावद।
पेटलावद विधानसभा में पहुँची कांग्रेस की जन आक्रोश रैली पेटलावद पहुँचने के दिए समय से चार घन्टे लेट पहुँची। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के रूट की तरह कांग्रेस ने भी अपनी यात्रा का रूट थांदला से खवासा होकर बामनिया और फिर पेटलावद पहुँचना थी और रायपुरिया, झकनावदा होते हुए सरदारपुर विधानसभा में जाना था। लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस द्वारा भी भाजपा की तरह रूट परिवर्तन कर सीधे थांदला से पेटलावद यात्रा ले जाया गया। पेटलावद में सभा के बाद जिला कांग्रेस द्वारा जारी किए गए यात्रा के रूट के अनुसार यात्रा को रायपुरिया, झकनावदा होकर सरदारपुर विधानसभा के लिए जाना था। जिला पंचायत उपाध्यक्ष अकमाल मालू द्वारा यात्रा के रूट अनुसार रायपुरिया, बनी, बोलासा, तारखेड़ी, सेमलिया, उमरकोट, पालड़ी, झकनावदा सहित कई गांवों में मंच लगाकर यात्रा के स्वागत की व्यवस्था की थी। पूरे रूट पर दोपहर 3 बजे से कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में खड़े होकर यात्रा का इंतजार करते रहे और पेटलावद की सभा के बाद अचानक रूट परिवर्तन कर जिले के बड़े नेता रूपगढ़ होकर सीधे झाबुआ निकल गए। जिससे दोपहर से खड़े कार्यकर्ता देर रात 11 बजे निराश होकर घर लौट गए। रूट परिवर्तन की सूचना समय से नही होने से लोग परेशान होते रहे। कार्यकर्ताओ का आरोप है कि, समय से सूचना नही मिलने के कारण पेटलावद नही जा सके जो निराशाजनक रहा।
पेटलावद में दिखा विधानसभा की दावेदारी का बुखार
नगर में पहुँचने वाली यात्रा में भीड़ जुटाने के लिए विधायक के टिकिट दावेदार विधायक वालसिंग मैड़ा और अकमाल मालू डामोर सहित अन्य दावेदारो ने अपनी ओर से भीड़ जुटाने की पूरी कोशिश की। साथ ही स्वागत के लिए अलग व्यवस्था भी देखने को भी मिली। नए स्टेशन पर मालू अकमाल द्वारा स्वागत मंच बनाया गया था, बामनिया रोड स्थित सुंदर गार्डन से सैकड़ों कार्यकर्ताओ ने मंच पर पहुँच कर जन आक्रोश यात्रा का स्वागत किया। विधायक वालसिंग मैड़ा द्वारा सभा मंच पर स्वागत किया गया। नगर में लगे पोस्टर बैनर में भी पूरी तरह चुनावी रंग देखा गया।
पेटलावद शहर में कांग्रेस पिछड़ी हुई, ग्रामीण इलाकों से दूरी भारी पड़ सकती है
बात करे पेटलावद नगर की तो पेटलावद भाजपा का गढ़ रहा है। यहां कांग्रेस के लिए वोट बैंक केवल उपस्थित दर्ज करवाने जैसा ही है और ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस की पकड़ अच्छी रही है। लेकिन यात्रा बड़े शहरों पर सिमट कर रह गई और ग्रामीण इलाकों में यात्रा रूट परिवर्तन के कारण नही जा सकी, जिससे कांग्रेस को नुकसान होता दिख रहा है।