महिला के जेवर लेकर फरार हुए आरोपियो का भी अता-पता नही
आदिवासी संगठनों सहित विपक्ष के नेता भी मौन
माही की गूंज, पेटलावद।
शांति समिति की बैठक के माध्यम से क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर प्रयास कर रही है। लेकिन जो अपराध घट चुके हैं या जो वारदात हो चुकी हैं उन पर पुलिस का ध्यान नही है। पिछले माह नगर को शर्मसार कर देने वाली एक बड़ी घटना का खुलासा पेटलावद थाने पर हुआ। जिंसमे आदिवासी युवती को बेचने और उससे वेश्यावृत्ति करवाने के साथ बलात्कार होने का मामला उजागर होने के बाद 4 महिलाओं सहित 7 लोगो के विरुद्ध गंभीर धाराओं मामला दर्ज हुआ था। पेटलावद थाना क्षेत्र में घटित गंम्भीर अपराध को लेकर कोई खास हलचल नही देखी गई और प्रकरण के लगभग 25 दिन बीत जाने के बाद पुलिस को इस मामले में एक मात्र सफलता में केवल एक महिला आरोपी को पकड़ा है बाकी 6 आरोपी आज भी फरार चल रहे हैं।
आखिर अवैध शराब का आरोपी कौंन, एक माह बाद भी पुष्टि नही, जेवर लेकर फरार आरोपीयो की भी कोई जानकारी नही
एक माह पूर्व ही थाना पेटलावद के अंतर्गत नगर के कानवन रोड से पुलिस ने 60 पेटी अवैध शराब भरी कार पकड़ी थी और आरोपी मौके से फरार हो गए थे। पुलिस ने थाने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस रखकर अपनी पीठ थपथपा ली। लेकिन एक माह बाद भी पुलिस इस मामले में आरोपी को पकड़ना तो दूर आरोपी तक तय नही कर पाई। वाहन किसका था और शराब कहा से कहा ले जाई जा रही थी इसका भी कोई खुलासा पुलिस ने अब तक नही किया। थाना प्रभारी राजूसिंह बघेल ने बताया कि, इस मामले में जो भी आरोपी होगा उसे पकड़ा जाएगा और जांच अधिकारी को हटाकर दूसरा जांच अधिकारी नियुक्ति किया है। पुलिस की कार्यप्रणाली कितनी ढीली है इससे ही पता लग रहा है कि, वाहन मालिक की पुष्टि यातायात विभाग से अभी तक नही कर पाए जिसके आधार पर ही आरोपियों की पहचान हो सकेगी। पकड़ी गई अवैध शराब कहा से लाई गई थी इसकी जानकारी भी उसके बेच नम्बर से की जानी है जिसके लिए भी पुलिस और आबकारी विभाग के बीच कोई पत्र व्यवहार नही हुआ है। नगर के बीच बाजार से अज्ञात आरोपी ने एक महिला पर नशीला पाउडर उड़ाकर जेवर लेकर फरार हो गए थे। आरोपी सीसीटीवी में कैद भी हुए लेकिन पुलिस न तो इनकीं पहचान कर पाई न ही इन तक पहुँच पाई है।
बलात्कार जैसे घटनाओं पर प्रदेश में चल रहे बुलडोजर यहां आरोपियों के ही पते नही
बलात्कार जैसे गम्भीर अपराधों पर सरकार हाथों-हाथ कार्यवाही करने में लगी हुई है। प्रदेश के कई हिस्सों से ऐसी वारदातों में आरोपियों के घर बुलडोजर चलते दिखाये गए लेकिन पेटलावद थाने में दर्ज वारदात में ऐसी कोई कार्रवाई पुलिस की ओर से देखने को नही मिली। जबकी यहां युवती के साथ बलात्कार ही नही बल्कि उसे बेचा तक गया और वेश्यावृत्ति के साथ-साथ, अवैध वसूली के लिए उपयोग किया गया। मामला अत्यंत गंभीर होने के बाद भी प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से कोई बड़ी कार्यवाही देंखने को नही मिली। उसीका नतीजा है स्थानीय पुलिस ने मामले को अन्य अपराधो के साथ इस अपराध को साधारण मान लिया और केवल एक गिरफ्तारी की गई। थाना प्रभारी राजू सिंह बघेल ने इस मामले में जल्द सभी आरोपियों को पकड़ने की बात दोहराते हुए ,विगत तीन-चार दिनों से हो रही बारिश के कारण कार्रवाई नही कर पाने की बात कही।
आदिवासी संगठनों सहित विपक्ष भी मौन
वेसे तो प्रदेश सहित देश मे होने वाली कई बलात्कार जैसे अपराध की घटना जिले में राजनीतिक अखाड़े का कारण बन जाती है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच इस गम्भीर अपराध को लेकर सरकार एक ओर लापरवाह दिख रही है, तो वही दूसरी ओर आदिवासी संगठनों सहित विपक्ष के नेता भी पूरी तरह मौन दिख रहे है, जिन्होंने अब तक इस मामले में कोई मांग नही की।
थाना पेटलावद।
अवैध शराब में जप्त कार मालिक और आरोपी का कोई अता पता नही।
बलात्कार ओर खरीद फरोख्त शिकार पीड़िता।