दोनों ओर से मीडिया ट्रायल ओर शक्ति प्रदर्शन में टिकिट साधने की कोशिश, जयस को साधने की कड़ी चुनौती
कांग्रेस की टिकिट के बाद ही तय होंगे विधानसभा के नए समीकरण, जयस की जिले की एक विधानसभा से टिकिट की मांग
माही की गूंज, पेटलावद।
विधानसभा चुनाव 2023 के लिए पेटलावद विधायक में अभी से घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने भले ही अपने पत्ते खोल दिये, जयस के एक धड़े की और भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार कर प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया, लेकिन कांग्रेस अभी भी प्रत्याशी को लेकर किसी निर्णय पर पहुचती नही दिख रही। मालू-वालु मतलब मालू अकमाल डामोर जिला पंचायत उपाध्यक्ष और वर्तमान विधायक वालसिंग मेड़ा के बीच टिकिट को लेकर घमासान मचा हुआ है। दोनों और से सक्रियता साफ देखी जा रही है, धार्मिक आयोजन हो या पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात दोनों और से तू डाल-डाल तो में पात-पात की स्थिति बनी हुई है। इधर कांग्रेस के सामने जयस की साधने की बड़ी चुनोती खड़ी है। जयस का एक धड़ा मैदान में उतर चुका है तो दूसरा जिले की एक विधानसभा सीट जिंसमे पेटलावद मुख्य है पर जयस समर्थित नेता के लिए टिकिट की मांग कर रहा है।
दोनों और से जारी है शक्ति प्रदर्शन ,पोस्टर-बैनर से लेकर मिडिया ट्रायल
विधायक मेड़ा और मालू डामर दोनों ही टिकिट के लिए प्रयासरत हैं। जिसके लिए शक्ति प्रदर्शन दोनों और से किया जा रहा है। क्या दिल्ली, क्या भोपाल और क्या कांग्रेस के बड़े नेता सभी जगहों पर उपस्थित के साथ शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। क्षेत्र में होने वाले तीज त्यौहार सहित धार्मिक आयोजनो के लिए बैनर-पोस्टर और स्वागत मंच लगाए जा रहे हैं। मीडिया में दोनों दावेदार बने हुए है और लगातार मीडिया की सुर्खियों में रह कर अपनी टिकिट का दावा पुख्ता कर रहे हैं।
मालू के निर्दलीय लड़ने की चर्चा...?
जिला पंचायत में कांग्रेस की पैनल बिठाने में अहम भूमिका निभाने वाले लगातार तीसरी बार जिला पंचायत सदस्य मालू डामोर के सामने भाजपा और कांग्रेस दोनों की और से अच्छे ऑफर थे लेकिन मालू ने भाजपा के सामने विधानसभा में टिकिट की मांग रखी थी जिसे भाजपा ने नकार दिया लेकिन कांग्रेस ने मालू के इस ऑफर को नकारा नही ओर क्षेत्र में मेहनत और सर्वे में नाम आने पर टिकिट देने का वादा किया गया था। जिसके बाद से मालू पेटलावद विकास खण्ड में लगातार मेहनत करते हुए कांग्रेस सहित अलग-अलग एजेंसीयो के सर्वे में प्रबल दावेदार बनकर सामने आये। उधर वर्तमान विधायक वालसिंग मेड़ा ने स्थानीय चुनाव में अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी करते हुए कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओ को चुनाव हरवाने की जो गलती की वो अब उनको भारी पड़ने लगी है। तीन बार चुनाव मैदान में उतर चुके वालसिंग को पहली बार टिकिट के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ रही हैं। स्थानीय चुनाव में वालसिंग की भूमिका के चलते ही मालू की पेटलावद विकास खण्ड में हाथों हाथ समर्थन मिल गया। वर्तमान विधायक को अगर कांग्रेस फिर से मैदान में उतारती तो मालू निर्दलीय मैदान में उतरेगे की नही इसकी चर्चा बनी हुई है क्योंकि उनकी तैयारी कांग्रेस से टिकिट नही मिलने पर भी मैदान में उतरने की दिख रही है।
कांग्रेस प्रत्याशी तय होने के बाद ही बनेगे हार-जीत के समीकरण, जयस को साधना कांग्रेस के लिए जरूरी
भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया के मैदान में उतरने के बाद अभी उनके पक्ष में कोई माहौल बनता नही दिख रहा है। निर्मला भूरिया ओर भाजपा की हार-जीत के समीकरण कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही बनेंगे। राजनीतिक पंडित मानते हैं कि, वालसिंग मेड़ा के टिकिट होने से भाजपा को फायदा होगा जबकि मालू डामर के टिकिट के बाद विधानसभा के समीकरण भारी बदलाव आना तय है जो कही न कही भाजपा के लिए मुश्किल चुनोती बन सकता है। कांग्रेस की और से पिछले कई चुनावों से टिकिट का दावा कर चुके दावेदार भी एक मत होकर हॉइ कमांड से नये चेहरे में किसी एक को टिकिट की मांग कर चुके है। कांग्रेस के टिकिट के बाद ही जयस संगठन की चुनाव में क्या उपस्थित होगी ये भी साफ होगा। वालसिंग मेड़ा को टिकिट होने पर जयस का प्रत्याशी निर्दलीय मैदान में होगा या भारत आदिवासी पार्टी से तैयारी में लगी टीम के साथ जा सकती है।
जिले की एक सीट पर जयस को टिकिट देने की मांग
जयस के राष्ट्रीय सरंक्षक हीरालाल अलावा की राह पर चलते हुए जयस के पदाधिकारियों ने कांग्रेस के बड़े नेताओ से मुलाकात कर जिले की तीन विधानसभा सीटों में से एक पर जयस के नेता की टिकिट की मांग की है। विगत दिनों जय आदिवासी युवा शक्ति के पदाधिकारी झाबुआ-अलीराजपुर प्रभारी संजय दत्त और युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष विक्रांत भूरिया से मुलाकात की और तीनों विधानसभा में एक विधानसभा सीट पर जयस समर्थित उम्मीद्वार को कांग्रेस अपना प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की। जिला प्रभारी प्रकाश डामोर ने बताया कि, जयस कांग्रेस के साथ जब ही जाएगी जब कांग्रेस जयस समर्थित नेता को कांग्रेस से टिकिट दे और यही मांग कांग्रेस के बड़े नेताओं के सामने रखी है। चुनाव मैदान में उतरने से पहले कांग्रेस के सामने टिकिट को लेकर बड़ी चुनौती है, कांग्रेस को न केवल टिकिट देना है बल्कि खेमों में बटी कांग्रेस को पटरी पर लाना भी बड़ी चुनौती रहेगी।
जिला पंचायत सदस्य मालू अकमाल डामर।
विधायक वालसिंग मैडा।