माही की गूंज, बामनिया।
पंचायत चुनाव को साल भर से अधिक समय बीत जाने के बाद ग्रामवासियों के हत्थे कोई बड़ी सफलता हाथ नही लगी है। चुनाव के दौरान सरपंच प्रत्याशियों ने बडे-बडे वादे किए थे लेकिन डेढ़ साल पूरे होने के बाद जीते हुए सरपंचों ने ग्राम को कोई बड़ी सौगात नही दी। मामला ग्राम पंचायत बामनिया का है जहा लगातार ग्राम की जनता भाजपा समर्थित प्रत्याशी को जीताती आ रही हैं। दूसरी बार ग्राम पंचायत में जीत कर आई रामकन्या मखोड ने अपने चुनावी वादों में बेरोजगारो के लिए ग्राम पंचायत परिसर में मार्केट बनाकर दुकाने देने का वादा किया था लेकिन चुनाव के बाद बीते समय मे ग्राम पंचायत इस मार्केट के लिए एक ईंट जोड़ने का काम तो ठीक दिखावे का शिलान्यास तक नही करवा सकी। जनता के मुद्दों पर ग्राम पंचायत की ये बेरुखी कही न कही आने वाले विधानसभा चुनावों में मुद्दा बनकर भाजपा प्रत्याशी के सामने होगा जो खुद भी ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान प्रचार में आई थी।
दो मंजिला मार्केट और खेल परिसर बनाने का वादा, बस स्टेशन बनाने की थी योजना
ग्राम पंचायत के पास खुली जमीन पड़ी थी, जिस पर दो मंजिला मार्केट लगभग 50 दुकान और तीसरी मंजिल पर खेल परिसर के साथ ग्राम पंचायत की व्यवस्था के कमरे बनने थे। सरपंच बनने के बाद इस मार्केट को लेकर चर्चा शुरू हुई लेकिन बाद में क्या हुआ इसका कोई अता-पता नही है न ही किसी पंच ने इस मार्केट को लेकर आवाज उठाई। इस मार्केट के साथ बस स्टेशन बनने की योजना थी ताकि ग्राम में अव्यवस्थित यातायात से भी लोगो को निजाद मिल सके लेकिन ऐसा कुछ भी नही हो पाया।
ग्राम पंचायत ने की मांग, प्रशासन दिखा रहा उदासीनता
इस सम्बध में जब ग्राम पंचायत सरपंच रामकन्या मखोड से जानकारी ली गई तो उनका कहना है कि, इस मार्केट ओर बस स्टेशन निर्माण को लेकर ग्राम पंचायत से प्रोसेस कर प्रशासन के पास भेज दिया गया लेकिन प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई अनुमति नही मिली हैं। ग्राम पंचायत के साथ-साथ यहां प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की भी उदासीनता दिख रही है, जिन्होंने ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर कोई निर्णय नही लिया। प्रशासन की ही उदासीनता के कारण कई बार आम जनता के हितों के कार्य समय पर नही हो पाते। बरहाल ग्राम पंचायत के वादे अधूरे है और वो गेंद प्रशासन के पाले में डालकर बचना चाह रहे है।