आरोपियों को जमानत हेतु जाना पड़ेगा उच्च न्यायालय की शरण में
मामला: 6 गुना अधिक प्रिंटिंग मामले में निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का
माही की गूंज, झाबुआ।
किस तरह से भ्रष्टाचार का बोलबाला है और भ्रष्टाचार को ही किस तरह से भ्रष्टों ने शिष्टाचार के रूप में परिभाषित किया है, इसका एक उदाहरण जिले की सत्र न्यायालय ने भी प्रिंटिंग घोटाले में कलेक्टर के साथ उनके पूरे कुलमे को दोषी करार देकर सही साबित कर दिया।प्रिटिंग घोटाले मामले में 2010 में इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने अपराध क्रमांक 99 भ्रष्टाचार की धारा 13(1) डी, 13(2) पीसी एक्ट 1988 एवं धारा 120 (बी), 420 का मामला दर्ज तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा पिता ब्रजनंदन शर्मा हाल मुकाम बड़ों नकला जिला दतिया, जगमोहन पिता गजरूप सिंह धुर्वे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ हाल मुकाम अपर कलेक्टर जिला दमोह, माधुसिंह पिता नारायणसिंह तंवर परियोजना अधिकारी (तकनीकी) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिला पंचायत झाबुआ, अमित पिता आर.एस. दुबे तत्कालीन जिला समन्वयक स्वच्छता मिशन जिला पंचायत झाबुआ हाल मुकाम 89 अवंतिका नगर स्कीम नंबर 51 के पास इंदौर, सदाशिव पिता भीमसिंह डाबर तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत झाबुआ हाल मुकाम वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत बड़वानी, आशीष पिता सुरेश कदम तत्कालीन लेखाधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिला पंचायत झाबुआ हाल मुकाम लेखाधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिला पंचायत अलीराजपुर, ए.के. खंडूरी पिता देवदत्त खंडूरी उप नियंत्रक शासकीय मुद्रक एवं लेखन सामग्री भोपाल हाल मुकाम एसएच /23 ब्लॉक -8 सहयाद्री परिसर भदभदा रोड भोपाल, देवदत्त पिता रविदत्त उप नियंत्रक शासकीय मुद्रक एवं लेखन सामग्री भोपाल हाल मुकाम बी- 5 बीमा कुंज, कोलार रोड भोपाल, मुकेश पिता सत्यनारायण शर्मा संचालक मेसर्स राहुल प्रिंटर्स निवासी 156 सी इंद्रपुरी आरके हॉस्पिटल के पीछे भोपाल के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। जिसका विचाराधिन प्रकरण झाबुआ की विशेष अदालत में चल रहा था। मामले में न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने एस.के. खंडूरी व देवदत्त पिता रविदत्त को दोष मुक्त किया। वहीं बाकी कलेक्टर जगदीश शर्मा के साथ सातों को दोषी मानते हुए 4-4 वर्ष का कारावास व 5-5 हजार का जुर्माना से दंडित किया। जिसमें राहुल प्रिंटिंग प्रेस के मालिक मुकेश शर्मा को 7 वर्ष की सजा सुनाई गई। न्यायालय ने लोकायुक्त पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्य जिसमें बताया गया कि, आरोपीगणों ने मेसर्स राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को (1) समग्र स्वच्छता अभियान प्रचार प्रसार हेतु पोस्टर-पेम्पलेट, (2) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश सामाजिक पुस्तिका की छपाई, (3) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश के तहत व्रक्षारोपण तथा नंदन फलोद्यान के लिए एग्जिट प्रोटोकॉल संधारण हेतु रजिस्टर, (4) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश के तहत एग्जिट प्रोटोकॉल संधारण रजिस्टर, उक्त योजनाओं के अंतर्गत सामग्री का भुगतान कराने हेतु जगदीश शर्मा तत्कालीन कलेक्टर ने अपराधिक षड्यंत्र झाबुआ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ एवं अन्य द्वारा संगमत होकर नियमों/ विनियमो के विपरीत आदेश जारी कर उक्त सामग्री का मुद्रक कराई। तथा उक्तनुसार मुद्रक देयक की कुल राशि 33,54,616 रुपए का भुगतान राहुल प्रिंटर्स भोपाल को किया गया। यदि यह कार्य शासकीय मुद्रक एवं लेखन सामग्री भोपाल के द्वारा निर्धारित दर पर या निविदा बुलाकर करवाया जाता तो समस्त सामग्री में मुद्रक पर लागत कुल राशि 5,83,891 रूपये खर्च होता। इस प्रकार तुलना कर गणना करने पर पाया गया कि, लगभग 6 गुना अधिक महंगे दर पर कार्य करवाते हुए आरोपीगणों द्वारा राशि 27,70,725 रुपए का अतिरिक्त अवैध भुगतान राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को किया गया है। जिसमें मुकेश शर्मा को 27,70,725 रुपए का अवैध आर्थिक लाभ हुआ है तथा शासन को इतनी ही राशि की आर्थिक हानि हुई है।
न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने कलेक्टर जगदीश शर्मा के साथ 6 आरोपियों को आज चार-चार वर्ष के सश्रम कारावास् के साथ 5-5 हजार जुर्माने के साथ सजा सुनाई। साथ ही राहुल प्रिंटिंग प्रेस के मालिक मुकेश शर्मा को जुर्बाना व 7 वर्ष के कारावास की सजा दी गई।
उक्त फैसले का जिलेवासियों को लंबे समय से इंतजार था। आरोपीगणों को अपनी जमानत के लिए उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा। जमानत मिलने तक सभी आरोपी जेल की सलाखों में रहेंगे।