भ्रष्टो ने लगाया फर्जी बिल, मामला नाहरपुरा पंचायत का
माही की गूंज, खवासा।
भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया और इसी शिष्टाचार के सहारे शिवराज सरकार अपनी पांचवी पारी खेलने की तैयारी में जुट गई है। यह अलग बात है कि, आम जनता पांचवी पारी खेलने का मौका इस शिष्टाचार के साथ देगी या फिर भाजपा को क्लीन बोल्ड 2023 के विधानसभा चुनाव में करेगी। यह तो चुनावी समर के बाद ही पता चलेगा।
विकास की मुख्य धुरी ग्राम पंचायत होती है लेकिन भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाने के बाद छोटे-छोटे कार्य में भी किस निचले स्तर का भ्रष्ट कार्य और उसी भ्रष्ट कार्य की नींव रखने के साथ ही भ्रष्ट फर्जी बिल के साथ किस तरह से राशि निकाली जा रही है जिसका एक छोटा सा उदाहरण का खुलासा माही की गूंज आज भी कर रही है।
निर्मल भारत/स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सामुदायिक स्वच्छता परिसर यानी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण की मंजूरी होकर थांदला जनपद के अंतर्गत नाहरपुरा(खवासा) पंचायत के ग्राम रूखमणीपाड़ा में 4 लाख 3 हजार रूपये 15 अगस्त 2021 में आवंटित हुए थे। पंचायत के भ्रष्टो ने बामनिया के किसी शोयल साबिर मंसूरी से उक्त शौचालय बनवाने की बात कही और कार्य मंजूरी के साथ ही शौचालय की नींव का कार्य ही भ्रष्ट तरीके से करने के साथ ही पंचायत के तात्कालिक सरपंच-सचिव ने उसी शोयल साबिर मंसूरी से उसकी फर्म का बिल क्रमांक 542 का दिनांक 1 दिसंबर 2021 को प्राप्त किया। जिसमें उल्लेखित किया गया कि, सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण कार्य हेतु सामग्री क्रय (1) रेत 8 ट्रिप दर 25 सौ रूपये, (2) गिट्टी 2 ट्रिप दर 3 हजार रूपये, (3) सीमेंट 100 बोरी दर 355 रुपए, (4) सरिया दर 6 हजार रूपये जिसमें सिर्फ नग 4 उल्लेखित किया गया...? (5) ईंट 9 हजार रूपये 2 ट्रिप, कुल 1 लाख 3 हजार 5 सौ रूपये का फर्जी बिल के साथ राशि आहरण कर ली गई और उस भ्रष्ट नींव का कार्य आज दिनांक तक कोई निर्माण कार्य नहीं होकर उक्त कार्य आज भी अधर में पड़ा है।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि, शोयल साबिर मंसूरी निवासी बामनिया के पास किसी भी नदी का ठेका नहीं है और न ही रॉयल्टी का टेंडर है। इसी तरह क्रेसर मशीन भी नहीं है। सीमेंट-सरिया की दुकान भी नहीं है और न ही ईंट भटे का निर्माण कार्य करता है। तो किस आधार पर पंचायत के तात्कालिक भ्रष्ट सरपंच-सचिव ने उक्त फर्जी बिल प्राप्त किया और किस आधार पर इंजीनियर द्वारा मूल्यांकन कर जनपद के एसडीओ व सीईओ ने राशि आहरण करवा दी।
तय है यह मामला छोटा सा हो पर ग्रामीणों का कहना है, इसी तरह से भाजपा सरकार में कितने बड़े स्तर का भ्रष्टाचार किया जा रहा है और जिसे कोई देखने वाला ही नहीं है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि, चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे नेता आकर करते हैं और विकास की बात करते हैं तथा विकास के नाम पर भ्रष्ट किस तरह से भ्रष्टाचार की डुबकी में डूब रहे हैं और सरकार को डूबाने का कृत्य कर रहे हैं, यह एक छोटे से उदाहरण के रूप में ही उक्त सार्वजनिक शौचालय के अधूरे व भ्रष्ट निर्माण के साथ फर्जी बिल के साथ की गई राशि आहरण के रूप में देखा जा सकता है।
उक्त संबंध में आईटी सेल के कार्यकर्ता दिनेश कटारा ने जनहित में अपनी सक्रियता दिखाते हुए 23 अगस्त 2023 को जनसुनवाई में कलेक्टर झाबुआ को शिकायत भी की है। शिकायत में उक्त अधूरे कार्य की जांच व फर्जी आहरण की जांच के साथ करीब 2 वर्ष से अधिक समय से अधर में पड़े उक्त सार्वजनिक शौचालय का निर्माण जल्द ही करवाने की मांग की है।
भ्रष्ट नींव कार्य में लगा दी 100 बोरी सिमेंट के साथ अन्य सामाग्री।
इस फर्जी बिल के साथ भ्रष्टो ने कर ली राषि आहरण।
आनलाईन हो रहा भ्रष्टो का खुलासा।