एक स्वर में नए प्रत्याशी की रखी मांग, गरमाई पेटलावद विधानसभा की राजनीति
माही की गूंज, भोपाल/झाबुआ।
विधानसभा 2023 के तैयारियों में कांग्रेस के लिए कई सीटे मुश्किल में फंसी हुई है जहां एक से ज्यादा उम्मीदवार टिकिट की मांग कर रहे है। उनमें से कुछ विधानसभा ऐसी भी है जहां पहले से कांग्रेस के जीते हुए विधायक है और इस बार उनकी टिकिट खतरे में है। ऐसे ही मध्यप्रदेश के ट्राइबल झाबुआ जिले की पेटलावद विधानसभा क्रमांक 195 की सीट है जहां कांग्रेस के लिए पेंच फस गया है। भाजपा ने यहां पहले अपना प्रत्याशी पहली सूची में घोषित करते हुए पूर्व विधायक निर्मला भूरिया को प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
कमलनाथ से मिला दावेदारो का प्रतिनिधि मण्डल
सोमवार को पेटलावद विधानसभा के लगभग 6 मुख्य दावेदारो ने भोपाल पूर्व मुख्यमंत्री कलमनाथ के आवास पर पहुँच कर मुलाकात की। मुलाकात में सभी 6 दावेदारो ने एक स्वर में नए प्रत्याशी को मौका देने की मांग की और सभी टिकिट के दावेदार नेता ने अपने बायोडाटा के साथ इनमें से किसी भी एक प्रत्याशी को टिकिट मिलने पर पूरी ताकत से विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए कार्य करने की बात कही। मुलाकात के बाद सभी दावेदार संतुष्ट नजर आए। इस दौरान ये प्रतिनिधि मंडल भोपाल में ही युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया और पूर्व मंत्री झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया से भी मुलाकात कर अपनी बात रखी। युवक कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से इस प्रतिनिधि मंडल को आशस्वत किया कि, जो सर्वे में रिपोर्ट आएगा उसी के आधार पर टिकिट तय किये जायेंगे। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा कि, इस बार टिकिट वितरण का पूरा जिम्मा कलमनाथ के पास है और हमसे पूछने पर वर्तमान की सारी स्थितियो से अगवत करवा दिया जाएगा।
विधायक वालसिंह मैड़ा का रामा विकास खण्ड में कमजोर प्रदर्शन
विधानसभा पेटलावद दो विकास खंडों में बटी हुई है, जिसमे रामा और पेटलावद दो विकास खण्ड आते है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अधिकांश रामा से आते है। वर्तमान विधायक वालसिंह मैड़ा भी रामा क्षेत्र के निवासी है लेकिन पूर्व में विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन रामा में कमजोर ही रहा है। ऐसे में नए दावेदार के रूप में रामा क्षेत्र से जिला पंचायत में झाबुआ की परिषद बिठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जिला पंचायत उपाध्यक्ष मालू अकमाल डामोर ओर कांग्रेस कमेटी झाबुआ के कार्यवाहक अध्यक्ष रूपसिंह डामोर इस बार टिकिट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। वही स्थानीय प्रत्याशी के नाम पर पेटलावद विकास खण्ड से भी दो से तीन लोग दावेदारी पेश कर रहे है लेकिन विधायक की सीट नए व्यक्ति को देने की शर्त पर सभी एक मत होकर कार्य करने का दावा रख रहे है।
बागी होगा मैदान में
कांग्रेस के लिए पेटलावद विधानसभा में परेशानियां बढ़ती जा रही है। एक ओर जयस संगठन की पटरी स्थानीय स्तर पर नही बैठ रही और जयस स्वतंत्र मैदान में उतर रहा है। वही दूसरी और कांग्रेस में वर्तमान विधायक को लेकर उपजे विरोध को देखते हुए किसी भी कांग्रेस नेता के बागी होकर मैदान में उतरने के पूरे आसार है।
बताया जा रहा है कि, कमलनाथ से मुलाकात के दौरान इसका इशारा भी सभी दावेदारो की और से कर दिया गया। जयस के बाद कांग्रेस के बागी का चुनाव में होना कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है क्योंकि भाजपा की ओर से अभी इस सीट पर कोई बगावत देखने में नही आई है।