माही की गूंज, थांदला।
शासकीय महाविद्यालय थांदला में अंग महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई थांदला द्वारा भारतीय अंग दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि डॉक्टर राकेश बघेल ने कहा कि, अपने क्रियाशील अंगों को दान कर कोई भी व्यक्ति 8 से ज्यादा जीवन बचा सकता है यदि आप भी अंग दान करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लिखित अनुमति देनी होगी। कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य डॉ पीटर डोडियार ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद शरीर के अंग पीड़ित रोगियों की सहायता के लिए, रोगियों को नया जीवन देने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है जिससे किसी भी व्यक्ति को एक नया जीवन मिल सकता है।
कार्यक्रम में प्रो. शिवराज सिंह ने कहा कि, इससे पहले पिंडदान हो जाए अपना अंग दान करें व अप्रत्यक्ष रूप से इस धरती पर जीवित रहे ऐसा करने से आपका जीवन सार्थक हो जाएगा। आज विज्ञान ने इतनी उनकी कर ली है कि हृदय ,लीवर, गुर्दा, आंखें, त्वचा आदि अंग किसी अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत महाविद्यालय में भारतीय अंगदान दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के पश्चात छात्र छात्राओं को अंगदान करने की प्रतिज्ञा दिलाई गयी। कार्यक्रम में प्रो.मनोहर सोलंकी, डॉ राजेंद्र सिंह चौहान, डॉ राकेश चोरे, डॉक्टर जी डी भालसे, प्रो, हिमांशु मालवीया डॉ सुनीता राज सोलंकी, नेहा वर्मा, प्रो. ऋतुसिंह राठौर, विजय मावड़ा, कालू चौहान, दिनेश मोरिया रमेश डामोर विक्रम डामोर तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रही। यह जानकारी राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. छगन वसुनिया ने दी।