दो-चार नेताओं में सिमटे, पांच सालों बाद पुराने नेताओं के घर लगाई हाजरी
माही की गूंज, पेटलावद।
स्थानीय रेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के पीछे पेटलावद विकास खण्ड क्षेत्र में स्वीकृत करोड़ो की लागत की सड़कों और ग्रामीण क्षेत्रो में वर्षो पुरानी समस्याओं से निजाद दिलाने की थी लेकिन प्रेस वार्ता में जो कुछ हुआ उससे साफ था, ये प्रेस वार्ता स्वीकृत सड़को ओर भाजपा के बखान के लिए नही बल्कि खुद गुमानसिंह डामोर ने स्वयं की पेटलावद विधानसभा की दावेदारी की शुरुआत के लिए थी। प्रेस कांफ्रेंस में पेटलावद विधानसभा से भाजपा की मुख्य दावेदार पूर्व मंत्री निर्मला भूरिया, जिलाध्यक्ष भानु भूरिया, जनपद अध्यक्ष रमेश सोलंकी, पेटलावद मण्डल अध्यक्ष संदीप मांडोत, जिला कोषाध्यक्ष महावीर भंडारी सहित पेटलावद विकास खण्ड के कई महत्त्वपूर्ण नेता उपस्थित रहे। पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस सांसद गुमानसिंह डामोर के इर्द-गिर्द घूमती रही, प्रेस कांग्रेस में कई जगहों पर ऐसे विषय भी सांसद डामोर द्वारा रखे गए जिससे उनकी पेटलावद विधानसभा से मैदान से उतरने की रुचि दिखाई दी। पूर्व मंत्री और क्षेत्र का पांच बार नेतृत्व कर चुकी निर्मला भूरिया पूरी कॉन्फ्रेंस के दौरान मौन नजर आई, उनके चेहरे की परेशानी साफ बता रही थी कि, इस बार पेटलावद विधानसभा से उनकी दावेदारी खतरे में है । जिलाध्यक्ष भानु भूरिया भी कांग्रेस को चुनौती देते समय सांसद डामोर तक ही सीमित रहे। प्रेस वार्ता खत्म होने के बाद उपस्थित भाजपा नेताओं में निर्मला भूरिया से मुलाकात करने में कोई रुचि नही दिखाई ।
रात में अचानक घर-घर देवरे धोकने पहुचे डामर
झाबुआ से पेटलावद विकास खण्ड पहुचते ही पहले ग्राम बनी में काफी समय वहां के लोगो के बीच रहे। इसके बाद वहां सांसद निधि से कार्य करने की घोषणा तक कर दी। पेटलावद में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सारंगी पहुँचकर कार्यक्रम में भाग लिया और स्वीकृत कार्यों का भूमिपूजन किया। इन सब आयोजनो में एक बात देंखने को मिली कि, सांसद डामोर स्थानीय नेताओं के नाम और कंधे पर हाथ डालते दिखाई दिए। रात की लगभग 9 बजे दोबारा पेटलावद पहुँचे और सांसद बनने के बाद पहली बार इस तरह से कार्यकर्ताओ के साथ भाजपा के पुराने नेताओं के देवरे पहुँचकर धोक देने पहुँच गए। जिससे सांसद की विधानसभा की दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
छूट भिया नेताओं से घिरे सांसद के नेतृत्व को अस्वीकार कर चुके है स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओ
विगत दिनों केंद्र सरकार की ओर से अर्द्ध पूर्णकालिक विस्तारक कार्यकर्ताओ के माध्यम से हर विधानसभा का फीडबैक लिया गया था। महाराष्ट्र से आये तीनो मंडलों में अर्द्ध पूर्णकालिक विस्तारक के सामने सांसद गुमानसिंह की हठधर्मिता और निर्मला भूरिया असक्रियता सामने आई थी। सांसद डामोर राजनीति में प्रवेश के बाद से उनके निजी कार्यकर्ताओ से घिरे रहे और कई छूट भिया नेताओं ने उनके नाम पर जमकर लाफी लूटी जो आज भी जारी है। सांसद के मुह लगे नेताओं की हालत इतनी खराब है कि, स्वयं के दम पर 10 कार्यकताओं को जमा नही कर सकते। दूसरी ओर अपनी जेब भरने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारीयो को भी निपटाने में देर नही की, वर्तमान में ट्रांसफरो को लेकर कई नेताओ आरोप है कि, उनके द्वारा दिये नामो के ट्रांसफर नही किये गए जिसके पीछे सांसद के करीबी रहे है। विधानसभा पेटलावद से चुनाव लड़ने के सपने देख रहे डामोर को भाजपा के माध्यम से इस बार कार्यकर्ताओ की फ़ौज नही मिलेगी ये तय है उल्टा विरोध में काम होना भी तय माना जा रहा है।
निर्मला के नाम पर मौन, अजमेर भूरिया की उपेक्षा
विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर पेटलावद विधानसभा की सर्वमान्य नेता निर्मला भूरिया का नाम कोई नही ले पाया और कमल के फूल को ही प्रत्याशी बताया गया। प्रेसवार्ता के दौरान तीन से चार दावेदार मौजूद रहे जो पेटलावद विधानसभा से टिकिट चाहते है। प्रेस वार्ता के दौरान एक ओर मुख्य दावेदार के रूप में उभर रहे भाजपा नेता और अजजा मोर्चे के जिलाध्यक्ष अजमेर सिंह भूरिया भी उपस्थित थे लेकिन उनको किसी भी नेता ने मंच पर आमंत्रित नही किया और उपेक्षा के शिकार होकर पत्रकारो के पीछे बैठे रहे । प्रेस वार्ता के बाद जब उनसे इस उपेक्षा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि, ये मीडिया देखे उनके चेहरे और बयान से साफ था कि इस उपेशा से खासे नाराज थे। खेर राजनीति में कोई स्थाई नेता नही है हर चुनाव नया चेहरा दे देता है, निर्मला भूरिया के लिए इस बार का सफर पूरी तरह से काटो भरा है जिनके नाम पर फिलहाल कार्यकर्ताओ में भारी निराशा है।
इन बिंदुओं से लगती है सांसद डामोर की तैयारी
● सांसद डामोर ने तीनो विधानसभा की जीत का दावा करते हुए कहा पेटलावद विधानसभा तो जीतेंगे ही जीतेंगे।
● सांसद डामोर पेटलावद विधानसभा के पांचों मण्डल में लगातार घूमने का दावा करते रहे।
● पेटलावद विधानसभा में सबसे अधिक 100 करोड़ से अधिक के काम करने का दावा।
● पेटलावद विधानसभा में सबसे अधिक रोड स्वीकृत कराने का दावा।
● अपने निजी कार्यकर्ताओ के अलावा अन्य नेताओं से भी चर्चा ओर नाम लेते दिखे ऐसा बहुत कम करते है ।
● देर रात में पहली बार सांसद डामोर को पेटलावद के पुराने नेताओं की याद आई, अचानक उनके घर पहुँच गए।’
● रेलवे संबधी क्षेत्र की मांगों को पूरी करने पर पहली बार एक्टिव नजर आए, जबकि लम्बे समय से लोगो की मांग पर ध्यान नही दिया गया।