
महावीर भवन पर हुआ सामूहिक आयम्बिल निवि तप की आराधना
नन्ही तोषानी ने किया पहला आयम्बिल
माही की गूंज, थांदला।
दया में धर्म मानने वाला जैन समाज प्राणिमात्र के लिए करुणा का भाव रखता है। ऐसे ही मूक पशुओं के प्रति अनुकम्पा व दया की भावना लेकर जिन शासन गौरव जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. "अणु" के अंतेवासी शिष्य बुद्धपुत्र प्रवर्तक पूज्य श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. की प्रेरणा से श्वेताम्बर जैन समाज ने सामुहिक आयम्बिल तप का आयोजन किया जिसमें करीब 100 तपस्वियों ने हिस्सा लेकर उपवास, आयम्बिल, निवि, एकासन आदि तप की आराधना की। आययोजन में संस्कारों के महत्व को प्रदर्शित करते हुए स्वाध्यायी स्व. पायल नाहर की महज 8 वर्ष की नन्ही बेटी तोषानी सुमित चोपड़ा ने अपना पहला आयम्बिल तप किया। जिसकी संघ व लाभार्थी परिवार ने अनुमोदना की। तपस्वियों के आयम्बिल निवि तप की व्यवस्था लाभार्थी परिवार सानिया मयूर वर्धमान तलेरा द्वारा महावीर भवन पर रखी गई। इस दौरान तारा संतोष कुमार चपलोद एवं लाभार्थी परिवार द्वारा सभी तपस्वियों को प्रभावना देते हुए बहुमान किया गया।