15 दिन में बन्द नल चालू कर व्यवस्था सुधार की ली लिखित जिम्मेदारी, नगर परिषद की भारी लापरवाही हुई उजागर
मुख्यमंत्री के दौरे के पहले महिला पार्षद के धरने पर बैठने से प्रशासन की फूल गई थी सांसे
गूंज ने उठाया था ग्रामीण क्षेत्रो सहित शहरी क्षेत्र में भी नल-जल मिशन योजना ध्वस्त होने का मुद्दा
माही की गूंज, पेटलावद। राकेश गेहलोत
विगत तीन माह से नगर परिषद और मुख्यमंत्री तक आवेदन देकर नगर में स्नेहिल वाटर सप्लायर कंपनी के द्वारा नगर भर में बिछाई गई नल-जल योजना की पाइप लाइन के घटिया कार्य और अनुबंध अनुसार सुविधा मोहया नही करवाने ओर अलग-अलग वार्डों में सैकड़ो नल कनेक्शन बन्द होने के चलते वार्ड क्रमांक 08 की महिला पार्षद ममता गुजराती शनिवार को धरने पर बैठ कर कम्पनी द्वारा अधूरे कार्य को पूर्ण बता कर पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त कर शासन से बकाया राशि लेने की कोशिश का विरोध दर्ज करवा रही थी। पार्षद ममता गुजराती का सीधा आरोप था कि कम्पनी की भयंकर लापरवाही को अनदेखा कर उसे पूर्णता प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। जिससे नगरवासियों को बाद में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। महिला पार्षद ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री को आवेदन देकर मांग कर चुकी थी और दस दिन के भीतर सुनवाई नही होने की दशा में धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल की बात की कही थी। शनिवार को पार्षद अपने कहे मुताबिक मुख्य चौराहे पर धरने पर बैठ गई जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और स्नेहिल कंपनी के जबाबदारो सहित नगर परिषद सीएमओ को बुलवाया गया। जहा कम्पनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज संदीप ने अनुविभागीय अधिकारी अनिल राठौर के सामने धरने पर बैठी पार्षद द्वारा बताई गई समस्या 15 दिन में सही करने का लिखित आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाया। पार्षद ममता गुजराती ने कहा है अगर समय पर कार्य नही किया गया तो वो वापस धरने पर बैठ जाएगी।
मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर फूली प्रशासन की सांसें
05 जून को प्रदेश के मुख्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लाडली बहना योजना के प्रचार प्रसार के लिए झाबुआ आने का कार्यक्रम है। ऐसे में लाडली बहना महिला पार्षद के जनहित की मांग को लेकर धरने पर बैठने से प्रशासन में हलचल पैदा हो गई। जिसके चलते ही प्रशासन ने तुरंत फुरन्त में कम्पनी के जबाबदारो को बुलाकर मामले का निराकरण फिलहाल के लिए करवा कर धरना खत्म करवा दिया।
गूंज ने उठाया था ग्रामीण क्षेत्रो सहित शहरी क्षेत्र में भी नल-जल मिशन योजना ध्वस्त होने का मुद्दा
धरने के तुरंत बाद गूंज ने मामले की रिपोर्टिंग अपने यूट्यूब चैनल पर की थी। जिंसमे नगर में पाइप लाइन बिछाने वाली कम्पनी के कार्य पर बड़े सवाल खड़े हो रहे थे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में खराब हालत में पड़ी नल-जल मिशन योजना के साथ साथ शहरी क्षेत्र में ध्वस्त हुई योजना को लेकर सवाल खड़े किए गए जो प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया। मुद्दा मीडिया कवरेज के कारण मुख्यमंत्री तक नही पहुँचे इसलिए भी कही न कही इस आंदोलन को दबाया गया।
नगर परिषद की घोर लापरवाही आई सामने, 24 घण्टे नल देने की योजना को लगा रही पलीता, चोरी और तोड़फोड़ का शिकार हुए मीटर
पूरे मामले में नगर परिषद पेटलावद की घोर लापरवाही सामने आ रही है। योजना के मुताबिक आम जनता को इस योजना के माध्यम से 24 घण्टे पानी मिलना था जिसके के लिए कनेक्शन के साथ साथ मीटर भी लगाए गए थे लेकिन कनेक्शन के साथ लगे अधिकांश मीटर या तो तोड़ दिए गए हैं या फिर चोरी कर लिए गए है।
मामले में प्रोजेक्ट इंचार्ज संदीप से जानकारी ली तो उनका कहना है कि, आम जनता को 24 घण्टे पानी की सुविधा देने है जो अनुबंध में है उसी अनुसार मीटर हर कनेक्शन के साथ लगाए गए थे। लेकिन ज्यायतर मीटर लोगो ने या तो तोड़ दिए या चोरी होने की बात कह दी। जिसकी जानकारी हमारे द्वारा वरिष्ठ कार्यालय सहित नगर परिषद को लिखित में दे दी थी। लेकिन स्वयं नगर परिषद 24 घण्टे की जल सप्लाई सुविधा न चाह कर दो दिन में एक दिन वो भी आधे धंटे पानी सप्लाई करने का बोल रही है। प्रोजेक्ट इंचार्ज ने बताया कि, पानी का दुरुपयोग न हो और व्यर्थ न जाये इसके लिए मीटर ओर बिल की व्यवस्था की गई थी। जिसके लिए सारे सामग्री और बिल बनाने के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग तक दे दी गई है। लेकिन मीटर के माध्यम से कोई पानी नही चाहता क्योकि हर कोई सीधे मोटर से पानी लेना चाहता है और मोटर से पानी लेने से बिल भी अधिक बनता इसलिए लोगो ने मीटर निकाल दिए और नगर परिषद ने कोई कार्यवाही नही की। खराब ओर बन्द पड़े कनेक्शनो पर प्रोजेक्ट इंचार्ज का कहना है कि शिकायत मिलने पर हम सुधार करने को तैयार है।
नगर परिषद को योजना हैंड ओवर करने की बात गलत
एक ओर कहा जा रहा है कि योजना के पूर्णता प्रमाण पत्र मिलने के बाद योजना नगर परिषद को संचालित करने के लिए सोप दी जाएगी। वही प्रोजेक्ट इंचार्ज का कहना है कि दस साल का कम्पनी का करार है और दस साल तक इस योजना के संचालन का मेंटेनेंस कम्पनी को ही करना है। आरोप प्रत्यारोप के बीच मामला पेचीदा हो गया हैं। आखिर इस योजना का भट्टा बिठाने वाला कौंन है स्वयं नगर परिषद जो लोगो को 24 घण्टे जल प्रदाय से वंचित कर रही है या ठेकेदार जो योजना को सरकारी अनुबंध के अनुसार नही पहुँचा पा रहा है या आम जनता जो पानी के बिल से डर कर बिना मीटर के पानी चाह रही है।