Sunday, 23 ,February 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

कक्षा 8वीं का विदाई समारोह संपन्न | लोकायुक्त ने थांदला बीआरसी को रिश्वत लेते पकड़ा | करवड़ बस स्टैंड पर स्कूल बच्चों का हुआ एक्सीडेंट | मानवता शर्मसार: खेत में मिला बिना नाल कटा रोता हुआ नवजात शिशु ... | 8लेन पर एक नींद की झपकी बनी मौत का कारण! | नगर की वोटर लिस्ट में कैसे आया फर्जी मतदाता...? | महिला की मिली लाश: हत्या या आत्महत्या पुलिस जांच में जुटी | सोमाजी प्रजापत जाजपर का निधन | श्रीराम जन्मभूमि पर श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की मनाई पहली वर्षगांठ | सम्पूर्ण बाईबल पाठ का आयोजन सम्पन्न | भगवान श्रीराम की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की मनाई वर्षगांठ | दूसरी बार दुकानों की नीलामी निरस्तः आखिर ग्राम पंचायत करें तो क्या करें...? | बदलेगा राज... या कायम रहेगा रिवाज... फैसला 8 फरवरी को | क्या हम बांग्लादेश से ऊपर उठकर एक ही धर्म के व्यक्तियों को जातिवाद के आधार पर अल्पसंख्यक बनाना चाहते हैं...? | सुरेशचंद्र पुरणमल जैन, जिनेन्द्र बाफना सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भी बड़े, जिला परिवहन अधिकारी और रेलवे सब इनके सामने नतमस्तक | अजब एमपी के गजब मंत्री... लाचार मंत्री... | कुछ... यादें... बहुत सी उम्मीदो.. के साथ नूतन वर्षाभिन्दन | ग्राम पंचायत खवासा में 4 दुकानों की नीलामी 8 जनवरी को, विज्ञप्ति एवं नियम शर्ते पढ़े | एसडीएम के विरूद्ध एक के बाद एक कई विभाग हुए नाराज, लिखित में दर्ज करवाई शिकायत | हिंदूसिंह चौहान का निधन |

केसरिया साफा सर पर बांध कर हर कोई दे रहा था अलग संदेश...
04, Jun 2023 1 year ago

image

हिंद में रहकर जो तेरा एहसान भुला दे ख्वाजा.. वो न मुस्लिम है न मोमिन है, हैवान है वो इंसान नही

रातभर चला कव्वाली का प्रोग्राम, दो कव्वाल पार्टियों ने अपने कलाम पर बटोरी दाद

माही की गूंज, पेटलावद।

         वो न मुस्लिम है न मोमिन है, हैवान है वो इंसान नही...हिंद में रहकर जो तेरा एहसान भुला दे ख्वाजा.. वो न मुस्लिम है न मोमिन है, हैवान है वो इंसान नही...। बेटी को समझते है मुसीबत की वजह...,वो न मुस्लिम है न मोमिन है, जो साथ रहकर गला काटे साथवाले का....वो न मुस्लिम है न मोमिन है, हैवान है वो इंसान नही...। 

         कपासन राजस्थान के मशहूर इंटरनेशनल कव्वाल शब्बीर सदाकत साबरी ने जब ये शेर पढ़ा तो आयोजन स्थल तालियों से गूंज उठा। सूफी संतो और हर कलाम पर कव्वाल पर नोटो की बारिश करते बाहर से आए ख्वाजा के दीवानो और नबी से मोहब्बत करने वाले। यह नजारा था हजरत दातार ओढ़ी वाले दादा रेहमतुल्लाह अलैह दादाजी के 20 वें सालाना उर्स मुबारक का।

         शुक्रवार की रात हजरत दातार ओढ़ी वाले दादा रेहमतुल्लाह अलैह के 20वें सालाना उर्स मुबारक पर कव्वाली का आयोजन रखा गया। रात में सरकार के दरबार में महफिल ए सिमां अपने शबाब पर रही। पहले मप्र के रतलाम जिले की जावेद सरफराज चिश्ती कव्वाल पार्टी ने मंच संभाला। इसके बाद कपासन के शब्बीर सदाकत साबरी साहब ने मंच संभालकर अपने कलाम पेश किए। रात करीब 3 बजे के बाद गजलों का दौर शुरू हुआ। जिसमें सदाकत साबरी से भरपूर गलज  पेश कर श्रोताओं का मनोरंजन किया। कार्यक्रम का संचालन रियाज भाई ने किया। कव्वाली की महफिल सुनने के लिए झाबुआ, राणापुर, भाबरा, थांदला, रतलाम, काछीबड़ोदा, धार, बदनावर, बड़नगर, कुशलगढ़, मेघनगर, सरदारपुर सहित कई जगहों से श्रद्धालु आए। महफिल ए सिमां में कई सूफी संत भी शामिल हुए जिन्होंने कव्वाली प्रोग्राम की रौनक बड़ाई। 

         सदर सलीम शेख और उपसदर अमजद लाला ने सभी नगरजनों ओर श्रद्धालुओ का सफल आयोजन के लिए दिल से आभार व्यक्त किया।


ये कैसा जादू तूने निगाहे यार किया

          हजरत ओढ़ी वाले दातार रेअ के सालाना उर्स का समापन शनिवार को महफिल-ए-रंग के साथ हो गया। आस्ताने औलिया के बाहर स्थित महफिल खाने में कुल की महफिल हुई। सुबह महफिल खाने में 9.30 बजे रंग की महफिल शुरू हुई, इसमें रतलाम से आए जावेद चिश्ती ने कई कलाम पढ़े। कार्यक्रम में जब कव्वाली गाई जा रही थी, तो उनके एक-एक कलाम पर नजराना देने के लिए लोग जा रहे थे। उन्होंने 'ये कैसा जादू तूने निगाहे यार किया' कलाम पेश किया तो उपस्थित लोगों की आंखों से पानी बह निकला। सुबह 11 बजे हजरत अमीर खुसरो द्वारा लिखित 'आज रंग है री मां रंग है..से कुल की महफिल का समापन हुआ। उर्स के दौरान 'आज रंग है री सखी ओढ़ी वाले बाबा के घर आज रंग है, आओ चिश्ती संग खेलें होली दातार के संग' जैसे कलाम कव्वाल ने पेश की तो पूरा शामियाना इत्र व गुलाब जल की खुशबू से महक उठा। आस्ताने में कुल की रस्म हुई जिसमें फातेहा पढ़ी जाकर मुल्क में अमन चैन ओर खुशहाली की दुआ की गई।

महफिल सजी केसरिया साफे से

            भगवा रंग के परहेज को लेकर बड़ी बड़ी बातें होती है लेकिन उर्स में एक नजारा ऐसा भी था कि जब हर सर पर केसरिया साफा बंधा था। ये सीधा जबाब था उन लोगो को जो धर्म के नाम राजनीति कर भड़काते है ओर रंग की इस महफिल में हर किसी के सिर पर केसरिया साफे नजर आए रहे थे। इसी रंगारंग महफिल में जावेद चिश्ती ने अपनी कव्वाली पेश की,जिसे समाजजनों ने खूब सराहा। अंत में 'मेला बिछड़ो ही जाए, दातार तोरा मेला बिछड़ो ही जाए' पढ कर रंग की महफिल का समापन हुआ।

भंडारे का आयोजन

          सर्व समाज उर्स कमेटी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि कमेटी की ओर से लंगर-ए-आम शुद्ध सात्विक भंडारे का आयोजन किया गया। लंगर में श्रद्धालुओं ने बड़-चढकर हिस्सा लिया। उर्स कमेटी ने प्रशासन से लेकर हर किसी को इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने के लिए आभार माना है।



माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |