माही की गूंज, मेघनगर।
नगर में पंडित प्रदीप मिश्रा की प्रेरणा और जन सहयोग से निर्मित श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को पूरी आस्था और विद्वान पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच हुई। इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पिछले कई दिनों से तैयारियाँ चल रही थी। मंदिर निर्माण और भगवान शिव की स्थापना में विशेष रूप से महिलाओं का उत्साह सबसे अधिक दिखाई दिया। उज्जैन से पहुँचे विद्वान पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच जब यज्ञ की पूर्णाहुति हुई तो महिलाएं भगवान शिव के स्वागत में नृत्य करती हुई दिखाई दी। मंदिर समिति के सदस्यों ने मंदिर के कलश को चंदन से स्नान करवाया और भगवान शिव की पताका मंदिर के शिखर पर फहराई। भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव की स्थापना के पूर्व श्री गणेश की प्रतिमा को शुभ महूर्त में प्रवेश द्वार के ऊपर विराजित किया गया।मेघनगर। मेघनगर में सोमवार को धूमधाम से विराजित किए गए श्री पशुपतिनाथ महादेव। दर्शनों के लिए नगर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों से भी पहुँचे शिव भक्त।बता दे कि मेघनगर में पंडित प्रदीप मिश्रा की प्रेरणा और जन सहयोग से निर्मित श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को पूरी आस्था और विद्वान पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच हुई। इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पिछले कई दिनों से तैयारियाँ चल रही थी।मंदिर निर्माण और भगवान शिव की स्थापना में विशेष रूप से महिलाओं का उत्साह सबसे अधिक दिखाई दिया। उज्जैन से पहुँचे विद्वान पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच जब यज्ञ की पूर्णाहुति हुई तो महिलाएं भगवान शिव के स्वागत में नृत्य करती हुई दिखाई दी। मंदिर समिति के सदस्यों ने मंदिर के कलश को चंदन से स्नान करवाया और भगवान शिव की पताका मंदिर के शिखर पर फहराई। भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव की स्थापना के पूर्व श्री गणेश की प्रतिमा को शुभ महूर्त में प्रवेश द्वार के ऊपर विराजित किया गया।
मंदिर समिति के मोहन पांचाल और भूपेश भानपुरिया के साथ सभी सदस्यों ने जानकारी दी कि, मंदिर में भगवान पशुपतिनाथ महादेव के साथ उनका पूरा परिवार की विराजित किया गया है। स्थापना के अवसर पर भगवान शिव को दूल्हे की तरह सजाया गया था। ढोल और नगाडो बीच भगवान शिव की महाआरती की गई। जिसके बाद महाप्रसादी वितरण भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में प्रसादी का लाभ लेने के लिए नगर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी बड़ी संख्या में पहुँचे। और भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव के दर्शन कर धर्म लाभ लिया।