माही की गूंज, खवासा।
सात दिवसीय श्री राम कथा की पूर्णाहुति हनुमान जन्मोत्सव पर आज ओम प्रकाश दुबे के आचार्यत्व में हवन कर की गई।
कथा वाचक साध्वी सुश्री ऋतु जी पांडे ने कथा के अंतिम दिन भक्त भीलनी शबरी व भगवान राम का अपने मुखारविंद से ऐसा विवरण किया कि भगवान सिर्फ भाव के भूखे होते है ओर भक्त शबरी से मिलने भगवान राम, मतंक ऋषि के आश्रम पहुंचे और राम भक्त भीलनी शबरी के हाथों से भाव रूपी झूठे बेर खाए , कथा के इस चित्रण के समय हर कोई भावुक हो कर हर किसी के आखो में आंसू झलकने लगे। वही लंका पर चढ़ाई कर राम व लक्ष्मण ने किस तरह से लंका पर विजय पाई तथा एक भाई का दूसरे भाई के प्रति अपने त्याग व समर्पण को बताया और माता सीता की अग्नि परीक्षा लेकर अयोध्या पहुचे ओर किस तरह से उनका स्वागत अयोध्या में किया गया तथा दीपावली के पर्व को मनाया गया बताया। साध्वी श्री ने कथा में बताया,संसार मे कोई सुखी नही है कोई तन से दुखी है तो कोई मन से दुखी है ओर कोई धन से तो कोई निर्धन से दुखी है लेकिन असल मे सुखी वही है जो राम की मस्ती में है।
कथा की पूर्णाहुति के बाद 1 बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओ ने महाप्रसादी का लाभ लिया । जिसके बाद देर शाम को ग्राम समिति ने साध्वी सुश्री ऋतु जी पांडे का सम्मान किया और उन्हें विदाई दी गई। यह विदाई की बेला भी भावनाओ से जुड़ी दिखाई दी।
उक्त आयोजन को सफल बनाने के लिए ग्राम के सभी गणमान्य नागरिक के साथ माँ रोग्या देवी समिति, सुंदरकांड समिति, राम मंदिर समिति, गायत्री परिवार,मुक्ति धाम समिति व संकट मोचन समिति आदि का सराहनीय सहयोग रहा।