
माही की गूंज, पेटलावद।
मप्र स्टेट बार कौंसिल के आव्हान पर प्रदेशभर के अधिवक्ता लगातार कार्य से विरत रहकर विरोध प्रदर्शन कर रहे। उक्त हड़ताल 29 मॉर्च तक जारी निरंतर रहेगी जिसका ज्ञापन संघ की ओर से दिया जा चुका है। इस दौरान हल नही नीकलने पर आगामी दिनों में उक्त प्रदर्शन निरन्तर जारी रखने के संकेत अभिभाषकों कि ओर से मिल रहे है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 25 सूचीबद्ध प्रकरणों को निराकरण हेतु दो माह का समय फिक्स किया था, अब नए आदेश अनुसार कोर्ट के सभी प्रकरण को 256 दिनों में निराकारण के लिए प्रदेश के सभी न्यायालय को निर्देश दिए हे।
न्याय के उद्देश्यों की नही होती पूर्ति
इस निर्देश के कारण अधीनस्थ कोर्टो में अभिभाषकों पर तनाव है बल्कि पक्षकारों के साथ न्याय भी नही हो रहा है । इस पूरे मामले को समझे तो कोर्टो में चल रहे सभी केसो लिस्ट तैयार दो उन्हे 25-25 प्रतिशत के चार भाग मे विभाजित का के उन सभि केसों को 64-64 दीन की तय समयावधि में सुनवाई पूरी करना है । ईस तरह से वर्ष के 264 कार्य के दिनों एवम उनमें चिन्हित 25 केस के साथ मिलाकर 66 दिनों मे अनिवार्य रुप से निराकृत करने के निर्देष दिये है। ओर इसी निर्णय को वापस लेने के लिये अभिभाषक लगातार कार्य से विरत है। जिसके चलते पक्षकारो के काम प्रभावित हो रहे है।