बिन मौसम बरसात ने किसानों की बढ़ाई चिंता, एक दिवसी मेले में व्यापारी निराश
माही की गूंज, बनी।
अपने ग्रह दशा को अनुकूल बनाने के लिए दशमी पर्व पर महिलाओं के द्वारा उपवास रख पीपल वृक्ष की पूजा कर कथा श्रवण के बाद पीपल की परिक्रमा लगाई जाती है। उसके पश्चात महिलाओं द्वारा अपने गृह प्रवेश के पहले मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाकर पूजा अर्चना करती है। उसके बाद ग्रह प्रवेश करती है। आज दशमी पर्व पर सुबह से ही मौसम खराब रहा और रिमझिम बारिश होती रही मगर महिलाओं में पूजा अर्चना के प्रति उत्साह कम ना हुआ और रिमझिम पानी में भी पीपल वृक्ष की पूजा अर्चना करने पहुंची।
ग्राम पंचायत द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी एक दिवसीय मेले का आयोजन रखा गया। जिसमें आसपास क्षेत्र के व्यापारी अपनी दुकानें लेकर आते हैं और बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला चकरी भी लगते हैं। मगर बिन मौसम बरसात ने बाहर से आए सभी व्यापारियों को निराश कर दिया।
एक दिवसीय दसवीं पर्व पर लगने वाले मेले में आसपास क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं और 50 गांव के लोग ढोल मादल लेकर आते हैं और दशमी पर्व का आनंद लेते हैं। मगर बिन मौसम बरसात ने पूरे मेले का मजा किरकिरा कर दिया।
ग्राम पंचायत द्वारा आसपास के क्षेत्र से आने वाली जनता के लिए पेयजल की व्यवस्था की गई थी और सुरक्षा की दृष्टि को मध्य नजर रखते हुए रखते हुए रायपुरिया टीआई राजकुमार किंसारिया भी मेले में अपने दल बल के साथ सजग रहे।
पंचायत में नहीं लिया कोई शुल्क
एक दिवसीय लगने वाले मेले में सुबह से ही रिमझिम बरसात का दौर जारी रहा। इस वजह से व्यापारियों को भी निराश होना पड़ा। उसी को मध्य नजर रखते हुए पंचायत प्रशासन द्वारा बाहर से आए हुए समस्त व्यापारियों से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया गया।
बिना मौसम बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ाई। तेज हवा और पानी से गेहूं की फसलों को आसपास के क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ। जिसकी वजह से किसान को उचित दाम नहीं मिल पाएगा और वह अपने कर्ज को पूर्ण रूप से अदा करने में असमर्थ रहेगा।