विकास यात्रा में किसी नेता ने सांसद गुमानसिंह पर नही दिखाया विश्वास
मंच से भाषण देते रहे उनके खास सीपे सलाहकार लेकिन नही बता पाए सांसद की एक भी उपलब्धी
माही की गूंज, पेटलावद।
पेटलावद विकास खंड में सरकार की योजनाओं के बखान के नाम पर प्रशासन के द्वारा निकाली गई विकास यात्रा पेटलावद विकास खण्ड लगभग फ्लॉप शो साबित हुई। पूरी यात्रा में आगामी चुनाव की तैयारी को लेकर कुछ नेता सतत् यात्रा के साथ घूमते रहे। पंचायत में मंच सजे, भाषणबाज़ी हुई सरकार के विकास को गिना कर गिने चुने हितग्राहियों को प्रमाण पत्र देकर फ़ोटो शेसन कर लिया गया। इस दौरान क्षेत्र के नेताओ ने सरकार की उपलब्धिया गिनवाई ओर पार्टी के साथ खुद का प्रचार करते रहे लेकिन इस पूरी यात्रा में सबसे बड़ी बात ये देखी गई कि, सांसद गुमानसिंह डामोर का कही कोई जिक्र तक नही आया।
पेटलावद पर मेहरबान रहे गुमानसिंह फिर भी भूले नेता
पूरी लोकसभा की बात की जाए तो पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में सांसद गुमानसिंह पूरी तरह से मेहरबान रहे हैं। विकास कार्यों के उद्घाटन से लेकर स्वीकृति और टैंकर वितरण तक पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में किया है। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 12 ओर 13 में अपने चहेतों के लिए उपलब्ध रहने वाले डामर साहब विकास यात्रा में कही कोई चर्चा में नही आए। सबसे बड़ी बाद सारंगी क्षेत्र से लेकर झकनावदा क्षेत्र तक उनके खास मंच पर बैठे भी ओर बड़े-बड़े भाषण भी दिए लेकिन इस दौरान उनके खासम-खास नेता भी इस यात्रा के दौरान सांसद के कामो का बखान मंच से करना तो ठीक धन्यवाद तक नही दे पाए।
पेटलावद विधानसभा से चुनाव लड़ने की चर्चा
भाजपा के कई नेता ये बताते हैं कि, सांसद बने डामोर साहब को विधायकी छोड़ने का पछतावा आज तक है, दिल्ली में उनकी दाल गली नही और प्रदेश की राजनीति में सांसद बन कर कई मोर्चो पर मुह की खाते रहे। अब डामोर साहब प्रदेश की राजनीति में अपना सिक्का जमाने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और उसके लिए लगातार पेटलावद विधानसभा में सक्रिय रहे उनके अपने गिने चुने नेताओं की फ़ौज भी इसी क्षेत्र से आती है। हमारे राजनीति सूत्र बताते है कि, विधानसभा चुनाव 2023 में पेटलावद विधानसभा की टिकिट सांसद डामोर अपने हिसाब से चाहते हैं, वही ये भी माना जा रहा है कि, लोकसभा में इस बार उनका टिकिट कटना लगभग तय माना जा रहा जिसको देखते हुए अपना राजनीतिक भविष्य पेटलावद विधानसभा में देख रहे हैं। हॉलाकि यहां निर्मला भूरिया का वर्चस्व रहा है इसलिए खुल कर मैदान में उतरने की बजाए पर्दे के पीछे से कोशिशें कर रहे है, लेकिन विकास यात्रा में सांसद डामोर की अनदेखी से भारी फजीयत हुई है जिसकी कल्पना सांसद ने अपने खास लोगो से नही की होगी।