माही की गूंज, थांदला।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद थांदला इकाई ने आदिवासी जननायक क्रांतिकारी शहीद टंट्या मामा भील का शहादत दिवस दशहरा मैदान थांदला में मनाया गया। जिसमें एबीवीपी के जिला संयोजक प्रताप कटारा ने बताया कि, टंट्या मामा भील की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम किया गया। टंट्या मामा भील के जीवन पर चर्चा की गई। आजदी के लिए सभी समाज के का योगदान रहा है। वहीं आदिवासी समाज के टंट्या भील, जमींदारों व अंग्रेजी के खिलाफ समाज को जागृत कर रहा था। पश्चिम निमाड़ अंचल में टंट्या मामा अंग्रेजों से माल लुटकर ग़रीबों को बांट दिया करते थे। ब्रिटिश सरकार ने टंट्या मामा को पकड़ने के लिए दो हजार सेनिक व पुलिस भेजी थी परन्तु टंट्या मामा को पकड़ नहीं पाई। फिर टंट्या मामा को पकड़ने के लिए पांच हजार का ईनाम रखा गया, तभी समाज के गद्दारों ने एक सभा कर रहे टंट्या मामा की खबर अंग्रेजी सरकार को दी गई और सरकार ने पकड़ लिया और इन्दौर जेल फांसी दे दी गई व पातालकोट के झरने के पास मृत शरीर को फेंक दिया। इस प्रकार टंट्या भील देश की आजादी के लिए 4 दिसंबर 1889 शहादत हुए थे।
कॉलेज केम्पस मंत्री अजय भाबोर ने बताया कि, प्रतिदिन उत्कृष्ट छात्रावास थांदला में विद्यार्थियों के साथ सुबह उठकर दशहरा मैदान में सुर्य नमस्कार व व्यायाम करते हैं जिसमें बड़ी संख्या में छात्र आते हैं। उक्त आयोजन में भुरु भाबोर, पंकज निनामा, विनय मावी, अरविंद पारगी, राहुल डामोर, शैलेश चरपोटा, अनिल डामोर, दिपेश भुरिया, जगदीश भाबोर, अजमेर कटारा, अंकित सिंगाड़िया, प्रविंण भुरिया, विकेश कटारा, दिपक कटारा, प्रमोद निनामा, संदीप मुणिया आदि उपस्थित रहे।