मेरी तमन्ना बस इतनी है कि में मरु तो तिरंगा नसीब हो मुझको- कवि कुँवर जावेद
वीर, हास्य, व्यंग्य, गीत, गजल के बीच मेले में देर रात तक चले कवि सम्मेलन में देर रात तक जमे रहे श्रोता
माही की गूंज, बामनिया।
ग्राम में आयोजित माँ अंबिका सांस्कृतिक मेले में आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में वीर, हास्य, व्यंग्य, गीत, गजल की ऐसी जुगलबंदी जमी की रात की गुलाबी ठंड में श्रोता कवि सम्मेलन सुनने के लिए जमे रहे। मेले को और भी आकर्षक बनाने के लिए 11 नवम्बर शुक्रवार को अखिल भारतीय विराट कवि समम्मेल का आयोजन भी किया गया। जिंसमे हास्य, व्यंग्य और वीर रस सहित कई विधाओं के कवि अपनी प्रस्तुति दी। कवि समम्मेल के सूत्रधार एवं सयोंजक प्रसिद्ध कवि प्रवीण आत्रे खरगोन रहे। कार्यक्रम की शुरुवात में माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण कर अतिथियों को मंचासीन कर उनका स्वागत अभिनंदन किया गया। जिसके बाद कवियों को प्रतिक चिन्ह भेंट कर अभिनंदन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सम्मेलन की शुरुवात में राजस्थान झालावाड़ के कवि राजेश लौट पोट ने अपने हास्य व्यंग्य से आयोजन का समा बांधा, तो रतलाम जिले के छोटे से गाँव से निकले युवा कवि दर्शन लोहार ने अपनी वीर सर की ओजस्वी कविताओं से सब का मन मोह लिया। भाबरा के लाल चंद्रशेखर आजाद पर सुनाई गई ओजस्वी कविता "मां भारती का बेटा मां भारती की कोख में सो गया, देश को करके आजाद आजाद आजाद हो गया" पर खूब तालियां बटोरी। वही हास्य कवि दिनेश देशी घी ने एक घन्टे तक अपना काव्य पाठ करते हुए लोगो को खूब गुदगुदाया। अकसर बड़े-बड़े राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों में दिखने वाले "लपेटे में नेता जी फेम के" गौरव चौहान ने वीर रस की जोरदार कविता सुनाते हुए पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाते हुए सम्मेलन को नई ऊंचाई तक पहुँचाया। गीत गजल की प्रसिद्ध कवयित्री सूरत गुजरात की सोनल जैन ने अपनी गजलों से श्रोताओं का मन मोहा, तो लगातार दर्शकों के बीच से कवि कुँवर जावेद और जानी बैरागी को सुनने के लिए लोग बेताब दिखे ओर देर रात दो बजे तक मैदान में जमे रहै। कुँवर जावेद के मंच संभालते ही गीत गजल की ऐसी महफ़िल जमी को हर कोई उनकी गजलों पर पूरा सदन तालियों से गूँज उठा। उनके गीत "गजल मेरी तमन्ना बस इतनी है कि में मरु तो तिरंगा नसीब हो मुझको" को खूब सराहना मिली। अंत हास्य कवि जानी वैरागी ने अपने चित्त परिचित अंदाज़ में सदन में मौजूद श्रोताओं को खुद गुदगुदा ओर खूब तालियां बटोरी। जानी बेरागी की लोकप्रियता का अंदाज़ा सर्फ इससे लगता है कि उनको सुनने ओर उनके निराले अंदाज़ इससे लगाया जा सकता है कि रात के तीन बजे तक उनके लिए काव्य प्रेमी मैदान में डटे रहे है। पूरे आयोजन में श्रोताओं ने जम कर लुप्त उठाया।
ग्राम पंचायत की ओर से शानदार मंच के साथ-साथ लोगो के बैठने, पार्किंग, पीने के पानी की शानदार व्यवस्था की गई थी। कवि समम्मेल का संयोजन प्रवीण आत्रे, संचालन व्यंग्यकार कवि गोविंद राठी द्वारा किया गया। स्वागत मंच का संचालन पत्रकार सत्यनारायण शर्मा द्वारा किया गया। आभार उपसरपंच बृजभूषण परिहार ने माना। आयोजन के दौरान ग्राम पंचायत सरपंच रामकन्या मखोड सहित पंचायत बॉडी उपस्थित रही।