
माही की गूंज, थांदला।
हिन्दी हमारी राष्ट्रा भाषा है हमारा गौरव है, हमारा प्राचीन ज्ञान हिन्दी भाषा में उपलब्ध है। हमारे देश के अनमोल ज्ञान को अन्यप देशो ने अपनी भाषा में अनुवाद कर उसके माध्यम से विकास किया है। हमारी मातृ भाषा हमारे देश में उपेक्षित रही है। हमारे देश प्रदेश् में तकनीकि शिक्षा – इंजीनियिरिंग व मेडिकल शिक्षा अंग्रेजी भाषा में उपलब्धत होने के कारण हिन्दी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्याथियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड्ता है। इन प्राठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के बाद आधा सत्र भाषा समझने में निकल जाता है। इन शब्दो में अपने अनुभव साझा करते हुए महाविद्यालय में ‘मेडिकल शिक्षा हिन्दीथभाषा में’ विषय पर आयोजित संगौष्ठी में मुख्यि अतिथि के रूप में आमंत्रित डॉ. राकेश अवास्याय ने व्यक्त किये।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. पीटर डोडियार ने अपने उद्बोधन में कहा कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिया गया यह निर्णय प्रदेश के लाखो विद्याथिर्यो के स्वार्णिम भविष्य की ओर एक सराहयनीय प्रयास है। शासन के निर्देशानुसार महाविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में प्रो. मनोहर सोलंकी, प्रो. विजय मावी, प्रो. कंचना बारस्क्र, डॉ. दीपिका जोशी, डॉ. सुनिताराज सोलंकी, प्रो. स्वाति नावडे ने हिन्दी के महत्व, उपयोगिता एवं अध्यकयन पर अपने विचार व्यिक्त किये। इस अवसर पर ‘एक दीपक मातृ भाषा के नाम पर’ महाविद्यालय में लगया गया। अमित शाह गृह मंत्री भारत शासन द्वारा मेडिकल शिक्षा की पुस्तकों के विमोचन समारोह हेतु स्टाल एवं विद्यार्थियों को महाविद्यालय में उपस्थित होकर सहभागिता करने के निर्देश दिये गये। कार्यक्रम का संचालन साहित्यिक सांस्कृतिक प्रभारी डॉ. मीना मावी एवं आभार प्रो. एसएस मुवेल ने माना। सामुहिक राष्ट्रय गान के साथ ही संगोष्ठी का समापन किया गया।