माही की गूंज, आम्बुआ।
देवताओं में प्रथम पूज्य श्री गजानन लंबोदर गौरी सूत भगवान भोलेनाथ के प्रिय पुत्र रिद्धि सिद्धि के दाता श्री गणेश जी का 10 दिनों की पूजा अर्चना के बाद पूरी श्रद्धा के साथ जुलूस निकालकर हथिनी मे विसर्जन किया गया।
श्री गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर घर-घर तथा सार्वजनिक पांडवों में विराजित मूसक वाहन पर बैठे भक्तों के विघ्नहर्ता बुद्धि के देवता श्री गणेश जी की आम्बुआ सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिमाएं स्थापित की गई। जिनका 10 दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना अनुष्ठान किए गए। लड्डू तथा मोदक एवं विशेष मौसमी फलों का भोग लगाया गया। पंचायत प्रांगण में विराजित श्री गणेश पांडाल में प्रति शाम विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की गई, साथ ही महिला मंडल ने भजनों की प्रस्तुति भी दी। विभिन्न प्रकार के प्रसादी का भोग समर्पित कर भक्तों में वितरण किया गया। दस दिवसीय आयोजन का अनंत चौदस के दिन डीजे तथा ढोल की धुन पर नाचते झूमते भक्तों ने श्री गणेश जी को नदी में पूजा आरती के बाद भारी मन से विसर्जित करते हुए नारे लगाए, गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ। आम्बुआ में इंदिरा आवास फलिया, पंचायत प्रांगण, कुमार मोहल्ला, शंकर मंदिर प्रांगण, गांधी आश्रम क्षेत्र आदि के अतिरिक्त बोरझाड़, आगौनी, अडवाड़ा, हरदासपुर, ईटारा आदि ग्रामीण क्षेत्रों से भी गणपति प्रतिमा विसर्जन किए जाने के समाचार है।