माही की गूंज, काकनवानी।
काकनवानी से 60 पद यात्रियों का जत्था 28 अगस्त को रवाना हुआ था जो कि 5 अगस्त को अंबाजी चामुंडा अतिथि गृह पहुंचा। रात्रि विश्राम के पश्चात 6 अगस्त ग्यारस को ढोल-ढमाकों के साथ मां जगत जननी जगदंबा के दर्शन कर ध्वज चढ़ाई गई व महा प्रसादी का आयोजन रखा गया।
वापसी पर हुआ भव्य स्वागत
मां अंबे के दर्शन कर समस्त पद यात्रियों के सकुशल लौटने पर ग्रामवासियों, सरपंच पति बाबू निनामा, रादु बारिया, राहुल पंचाल, नटवर पंचाल, बाबूलाल पंचाल, कालूराम राठौड़, जगदीश पंचाल एवं कई वरिष्ठ नागरिक ने पुष्प गुलाल उड़ाकर एवं पुष्प हार पहनाकर सभी पद यात्रियों का स्वागत किया। पूरे बाजार में पुष्प वर्षा करते हुए शिव मंदिर पर मां जगदंबा के समक्ष सभी पद यात्रियों ने आशीर्वाद लिया। यात्रा कर लौटने पर शिव मंदिर पर भोजन महा प्रसादी का आयोजन नरेश गणपत पंचाल द्वारा करवाया गया।
इस मौके पर कलाल समाज के अध्यक्ष एवं जय अंबे पदयात्रा संघ के अध्यक्ष डाडमचंद राठौड़ ने समस्त पद यात्रियों को एक साथ रहकर इस यात्रा को सफल बनाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद अर्पित किया। राजस्थान से पधारे गिरीश पंचाल ने डाडमचंद राठौड़ का साल व श्रीफल भेंट कर सभी को एक साथ लेकर चलने व बिना किसी भेदभाव एवं जातिवाद के यात्रा को सफल बनाने व समस्त पद यात्रियों को दर्शन करवा कर सकुशल सुरक्षित वापस अपने स्थान पर लाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद एवं बधाई प्रेषित की। इसके साथ ही नरेश पंचाल ने भी शाल ओढ़ाकर अध्यक्ष का सम्मान कर सफल यात्रा के लिए धन्यवाद व बधाई दी।