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चार आंगनवाडियो में बिजली मीटर तक नही, सात उप आंगनबाड़ी किराये से संचालित
माही की गूंज, बामनिया।
स्वास्थ्य सेवाओं और नो निहालो को प्रारंभिक शिक्षा के साथ मातृत्व समय से निकलने वाली माताओं के लिए शासन ने आंगनवाड़ी के माध्यम से कई योजनाएं संचालित की जा रही रही है, लेकिन सुविधाओं के आभाव में आगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ-साथ आशा कार्यकर्ताओं को भी कार्य करने में परेशानी का सामना किया। यहां टंकी मोहल्ला स्थित आंगनवाड़ी पर 0 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए नियमित होने वाले टीकाकरण के दौरान बड़ी समस्या सामने आने के बाद जब नगर की सारी आगनवाड़ियो की स्थिती देखी गई, तो विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई।
बिना बिजली-पानी 45 डिग्री तापमान में कार्य करने पर मजबूर
बात करे नगर की तो पूरी पंचायत में कुल 4 आगनवाड़ी ओैर 7 उप आंगनवाडी है। जिसमे से केवल 4 आगनवाड़ी भवन टंकी मोहल्ला, गवली मोहल्ला, काजलिया ओैर चित्तौड़ी फलिये में भवन बने हुए है। बाकी 7 उप आंगनवाडी किराए के भवन में संचालित या यूं कहें आगनवाडी सहायिका के घर से ही संचालित हो रहे है। जो चार आंगनवाडी भवन बने हुए है उन चारों में बिजली की व्यवस्था के लिए लाइन भी डाली हुई है लेकिन न तो आंगनवाडियों में बिजली के सामान पंखे, बल्ब आदि लगे हुए है, न ही विभाग ने यहां मीटर कनेक्शन लिया हुआ है जिससे यहां काम करने वाली कार्यकर्ता और सहायिका को इस भीषण गर्मी और 45 डिग्री तापमान में कार्य करना पड़ रहा है। टीकाकरण सहित अन्य जानकारी व लाभ के लिए आने वाली महिलाओं और बच्चों को भी इस गर्मी में बैठना पड़ता है।
आगनवाड़ियो में पीने के पानी के लिए कोई व्यवस्था नही है। इन भवनों पर टंकी और पाईपलाईन बिछा दी गई, लेकिन उसमे पानी कैसे पहुचे इसकी कोई व्यवस्था नही है। कई जगह पर होल खोदे गए, लेकिन बिजली कनेक्शन के अभाव में उनको भी नही चलाया जा सकता। जिससे यहां कार्यकर्ता, कर्मचारियों और छोटे बच्चों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। आगनवाडियो पर लगी पाइपलाईन ओैर टंकी सरकारी योजनाओं का मुह चिढ़ाती दिख रही है।
परियोजना अधिकारी इशिता मसानिया से इस विषय मे चर्चा की तो, उनको आगनवाड़ी में बिजली कनेक्शन होने की कोई जानकारी नही है या यूं कहें कि, उनके हिसाब से आगनवाडियो में बिजली कनेक्शन हैं। साफ है मेडम अपने कार्य की इतिश्री ऑफिस के केबिन में बैठ कर करती है और जमीनी हकीकत से कोसो दूर है। इधर मुख्यमंत्री मैदान में रहने वाले अधिकारियो के साथ काम करने की बात कर रहे, वही दूसरी और अधिकारी मुख्यालय पर बैठकर कागजी खानापूर्ति कर रहे है।
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