सिर्फ आमजन पर पुलिसिया रौब झाड़ अपने कर्तव्य की करती है इतिश्री
अपनी खाकी वर्दी को अवैध शराब विक्रताओं के पास इस तरह से पुलिस ने गिरवी रख दी कि, हनुमान जन्मोत्सव के दौरान भी पुलिस ने बिक़वाई अवैध शराब
माही की गूंज, खवासा।
पूरे जिले में शराब माफियाओं व अवैध शराब विक्रेताओं का रोब कितना है, यह हम हनुमान जयंती, महावीर जयंती, तेजा दशमी आदि धार्मिक त्योहारों के दिन भी स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि, जहां हर व्यक्ति धार्मिक पूजा-अर्चना, भंडारा(महाप्रसादी), हवन, उपवास, जप आदि के साथ धार्मिक आस्था में श्रद्धालु डूबे रहते हैं। उस दौरान भी नास्तिक प्रवृत्ति के ये माफिया पुलिस की साठ-गांठ के साथ अवैध शराब कारोबार को बंद करने की हिमाकत नहीं करते है। इन पर पुलिस का भी कोई रोब नही चलता है।
जहां एक तरफ पुलिस त्योहारों के पूर्व धार्मिक आस्था को सामाजिक सौहार्द के साथ शांतिपूर्ण माहौल में त्यौहार मनाने के लिए शांति समिति की बैठक सर्व समाज व मीडिया को बुलाकर रखती है। वही जब समाज हनुमान जन्मोउत्सव, महावीर जयंती व तेजा दशमी जैसे धार्मिक त्योहारों के दौरान गांव या क्षेत्र में कम से कम एक दिन के लिए मांस या क्षेत्र में अवैध रूप से शराब बेचे जाने वाले अड्डो व ढाबो को बंद रखने का प्रस्ताव पुलिस के समक्ष रखा भी जाता है। तो पुलिस अपनी बुजदिली व नाकामी का परिचय देकर कह देती है कि, ग्राम व क्षेत्र के लोग लिखित में देंगे तो अवैध रूप से बिकने वाली शराब को हम त्योहार के दौरान बंद करवा देंगे। पुलिस के इस तरह के जवाब ही यह पूर्ण तरीके से सिद्ध करते हैं कि, पुलिस ने अपनी खाकी वर्दी पूर्ण रूप से इन शराब माफियाओं व अवैध शराब विक्रेताओं के पास गिरवी रख चुकी है। नतीजन शराब माफियाओं का पुलिस पर रोब होकर ऐसे धार्मिक त्योहारों के दौरान भी खुले रुप से अवैध शराब के अड्डे चालू रख ढाबों पर मांस का भी सेवन करवाया जाता है। पुलिस सिर्फ धार्मिक त्यौहार एवं शांति के नाम पर आम लोगों पर या किसी के साथ अपनी निजी भड़ास निकाल कर अपना रोब झाड़कर अपनी इतिश्री करते है। वही खुलेआम इन शराब के अड्डों व ढाबों पर शराब बिकवाते पुलिस नजर आती है।
खवासा में मंदिर, दरगाह, कब्रिस्तान, मुक्तिधाम, स्कूल के आस-पास त्योहारो के दौरान भी बिक रही अवैध शराब
झाबुआ जिले के अंतिम छोर राजस्थान एवं रतलाम जिले से सट्टे थांदला थाने के खवासा चौकी क्षेत्र की ही बात करें, तो खवासा में ही मंदिर हो चाहे दरगाह या कब्रिस्तान हो या फिर मुक्तिधाम सब के समीप ही धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाते हुए पावन धार्मिक त्योहारों के दौरान भी यह अवैध शराब के अड्डे संचालित होकर यहां मांस तक परोसा जाता है। बता दें कि, त्योहारों के पूर्व मंगलवार को नवागत चौकी प्रभारी अशोक बघेल ने शांति समिति की बैठक सर्व वर्ग एवं गणमान्य नागरिको के साथ मीडिया को आमंत्रित कर रखी गई थी।
उक्त शांति समिति की बैठक में विशेष रूप से महावीर जयंती व हनुमान जन्मोत्सव के दौरान एक दिन के लिए गांव में जो भी मांस की दुकान हो या अवैध रूप से शराब के संचालित अड्डे व ढाबे जहा अवैध शराब के साथ मांस बनाया जाता है को बंद करवाने की बात उपस्थित ग्रामवासियों ने एकमत के साथ पुलिस से कही थी।
परंतु नवागत चौकी प्रभारी अशोक बघेल ने प्रथम दृष्टया ही अपनी नाकामियों को दर्शाकर कह दिया था कि, अवैध शराब के अड्डे या ढाबे महावीर जयंती, हनुमान जन्मोत्सव के दौरान बंद करवाने हेतु लिखित में गांव वाले आवेदन देंगे उसके बाद हम बंद करवा देंगे की गोर्वोक्ति की गई थी।
लेकिन बघेल साहब को जब उपस्थित व्यक्तियों ने कहा कि, एक दिन उक्त त्योहारों के दौरान शराब के अवैध अड्डे बंद करने की बात हमारे द्वारा कही गई थी, अगर स्थाई रूप से इन अवैध शराब के अड्डों को पुलिस बंद करवाने की गारंटी देती है, तो पूरे ग्राम के लोग इस सामाजिक बुराई के विरुद्ध आपको लिखित में आवेदन देने को तैयार है। जिसके बाद बघेल साहब हरकत में आ गए और उनकी हलक से कुछ देर आवाज तक नहीं निकली और जब आवाज निकली तो कहा, ठीक है हनुमान जयंती व महावीर जयंती के दौरान मांस व अवैध रूप से संचालित शराब के अड्डे व ढाबे पुलिस बंद करवा देगी।
महावीर जयंती व आज हनुमान जयंती पर मांस की नोसाद व सलीम शेख दोनों दुकान तो बंद थी। परंतु शराब के 9 अवैध अड्डे व ढाबे पुलिस को ही चिढ़ाते हुए अवैध शराब विक्रेता, अवैध शराब खुलेआम बेचते रहे।
जब हमारे सूत्र के अनुसार कुछ अवैध शराब विक्रेताओं से बात हुई तो बताया, चौकी प्रभारी अशोक बघेल साहब अपने स्टाप के साथ स्वयं ग्राम में संचालित सभी अवैध शराब के अड्डे व ढाबे पर पहुंचकर शुक्रवार को भी हनुमान जन्मोत्सव के दौरान शनिवार को अवैध शराब एवं अवैध शराब के साथ जीन ढाबों पर मांस बनाया जाता है वह बंद रखे जाए कह गए थे। परंतु अवैध शराब विक्रेताओं पर पुलिस का रोब नहीं चलता है, यह सिद्ध करते हुए आज हनुमान जन्मोत्सव के दौरान भी ढाबो व शराब के अवैध 9 अड्डे, बाजना मार्ग पर स्थित मुक्तिधाम के पास कमलेश सिंगार का ढाबा, इसी मार्ग पर क्रिश्चियन स्कूल के समीप शंभू चौहान का ढाबा, जितेंद्र गेहलोत का ढाबा,रोग्या देवी मंदिर के सामने अर्जुन चौहान की अवैध शराब दुकान, बामनिया बाईपास पर सिकंदर चाचा का ढाबा, थांदला मार्ग पर रवि चौहान व शनिराज ढाबा,बामनिया मार्ग पर शासकीय प्राथमिक शाला के थोड़ी आगे व कब्रिस्तान के सामने ग्राम के उप प्रधान कांतिलाल भटेवरा का पुत्र चिराग भटेवरा की अवैध शराब दुकान तथा शा. बालक- शा. कन्या उमावि, दरगाह व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मध्य शनिराज का एक ओर मुख्य ढाबे पर खुलेआम इन अवैध शराब के अड्डो पर शराब बिठाकर पिलाते व बेचते रहे हैं, लेकिन पुलिस इनका कुछ भी नहीं कर सकी।
हनुमान जन्मोत्सव के दौरान आज का वाकिया देखकर ही स्पष्ट होता है कि, खवासा जैसे एक कस्बे में ही पुलिस ने अपनी पुलिसिया वर्दी गिरवी रख इन अवैध विक्रेताओं अड्डे पर हनुमान जन्मोत्सव के दौरान एक दिन के लिए भी अवैध शराब बंद नहीं करवा सकी, जिससे स्पष्ट है कि पुलिस ने जिस हिसाब से अपनी वर्दी को गिरवी रख दिया है उस हिसाब से इन अवैध शराब माफियाओ एवं विक्रेताओं पर पुलिस का रोब किसी भी स्थिति में नहीं चलता है। पुलिस का रोब सिर्फ आमजनता पर या पुलिस का किसी के साथ निजी खुन्नस हो तो उन पर ही अपना रोब झाड़ अपने कर्तव्य की इतिश्री करती है।