पिछले 24 वर्षों से ग्राम में ग्रीष्म ऋतु में श्री वागरेचा दे रहे शीतल जल की सेवा
माही की गूंज, खवासा।
कहते हैं, जल ही जीवन है और जल के बिना कुछ नहीं है। जहां खवासा का इतिहास रहा है कि, यहां पुराने समय से ही पानी की कमी रही है और आमजन खासकर ग्रीष्म ऋतु में पानी के लिए परेशान होते रहे हैं। यहां तक कहा जाता है एक समय ऐसा भी था कि ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी के चलते एक या दो दिन छोड़कर नहाने की दिनचर्या करते थे। ऐसी स्थिति में ग्रीष्म ऋतु में 1998 से खवासा बस स्टैंड पर स्थानीय निवासी एवं समाजसेवी कांतिलाल वागरेचा द्वारा सार्वजनिक प्याऊ खोलकर आमजन को शीतल पेयजल की सुविधा दे रहे हैं।
शुरुआती दौर में श्री वागरेचा ने सार्वजनिक प्याऊ की सुविधा देते हुए बैलगाड़ी से पानी मंगवा कर प्याऊ का संचालन किया है। इसी कड़ी में आज खवासा बस स्टैंड पर बढ़ती गर्मी के साथ ही कांतिलाल वागरेचा ने अपने समाजसेवी भाव से सार्वजनिक प्याऊ का माही की गूंज के प्रधान संपादक संजय भटेवरा, सुरेंद्र चोपड़ा के साथ फीता काटकर शुभारंभ किया।
इस अवसर पर महेंद्र वागरेचा, राकेश वागरेचा, जितेंद्र वागरेचा, अतिल वागरेचा, रवि वागरेचा, पियूष वागरेचा, नन्नू जैन, संतोष वागरेचा, अनिल वागरेचा आदि उपस्थित थे।