मामला: भामल में सीमांकन व जांच करने पहुंची राजस्व की टीम ने न मास्क बांधा न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया
माही की गूँज, भामल
जब जवाबदार ही लापरवाह हो तो ग्रामीण जनो का क्या कसूर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भले ही तीन तिकड़ी पीएम, सीएम, व कलेक्टर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने का गला फाड रहे हो पर झाबुआ जिले में इसका असर कतई नहीं है, जिसका उदहारण भामल में दिखा जहां पटवारी व गिरदावर जांच व सीमांकन करने पहुंचे जहां न तो उनके मुँह पर मास्क था न सामाजिक दुरी बनाए हुए थे। जैसे ही राजस्व विभाग की टीम पहुंची वैसे ही ग्रामीणों का हुजूम देखने पहुंच गया सबंमधित अधिकारियो ने भी ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ नहीं पढ़ाया जवाबदारअधिकारी ही इस तरह से लापरवाही करेंगे तो हम कोरोना से कैसे जीत पायगे ये सबसे बड़ा प्रश्न है? पिछले दिनों सीमांकन के लिए कैलाश खेर द्वारा थांदला तहसील में आवेदन दिया गया जिसमें आज मंगलवार को राजस्व विभाग के गिरदावर व पटवारी मोके पर पहुंचे सीमा का अवलोकन कर जांच की गई तत्पश्चात जांच का पंचनामा भी बनाया गया। पंचनामे में पाया की मोके पर शिकायत कर्ता के खेत के आगे जो उकेड़ा है वह पीडब्लूडी की जमीन में है, तो वही शिकायत कर्ता कैलाश खेर उकेडे की भूमि को अपनी भूमि बताता रहा जिसपर पटवारी शम्भुलाल सिनम व गिरदावर दीपक रावत ने कहा सरकारी जमीन में किसी का अधिकार नहीं है, वही विधिवत सीमांकन करवाने की सलाह दी।
बिना मास्क पहने पटवारी पहुंचे जांच करने हेतु