गूंज असरः बिना उल्लेख के हटाया चैनसिंह को, नवीन अतिरिक्त प्रभार बैरागी को
माही की गूंज, खवासा।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ के अधीन आ.जा.सह. संस्थाओं में चल रहे भ्रष्टाचार का खेल ऐसा है कि, एक इतिहास भी लिख दे तो भी शायद कम पड़ेगा। अभी बात करें आ.जा.सह. संस्था भामल की तो यहां बरसों से अपने भ्रष्टाचार का जादुई खेल चलाकर अंगद के पैर की तरह पदस्थ चैनसिंह राठौड़ ने अपनी मूछों पर ताव देकर भ्रष्टाचार के कई आयाम गढ़े हैं। चैनसिंह के भ्रष्टाचार के छिलके जितने भी निकालें शायद वह भी कम ही होगा। परंतु 3 मार्च को अपने ही निजी वाहन कार क्रमांक एमपी 45 सी 0647 में अपने खादिम उर्फ संस्था के सेल्समैन बाबू नकुम के घर के आगे गाड़ी खड़ी कर दो बाजरा खाद्यान्न से भरे कट्टे एवं खाली बारदान की हेरा-फेरी कर रहा था। जिसका खुलासा गूंज ने 4 मार्च को “आ.जा.सह. संस्था का मैनेजर चैनसिंह दिनदहाड़े खाद्यान्न व खाली बारदान की कर रहा हेरा-फेरी“, “मामला उजागर होने पर मैनेजर के साथ सेल्समैन भी आया हरकत में“ शीर्षक के साथ प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था, जिस पर सीसीबी शाखा बामनिया के मैनेजर ने 5 मार्च को आदेश जारी कर माही की गूंज का हवाला देकर चैनसिंह को तत्काल प्रबंधक के पद से हटाकर सेल्समैन कमलेश पाटीदार को चार्ज देने के निर्देश दिए थे। परंतु चैनसिंह जातिवाद का बीज बोकर भाजपा के कुछ छूटभइये नेता के चरणों में नतमस्तक होकर चार्ज देने से बचता रहा, लेकिन माही की गूंज के सतत समाचार के बाद 1 अप्रैल को कमलेश पाटीदार को चार्ज देना ही पड़ा। अपने भ्रष्टाचार के खेल में अपनी जादुई छड़ी चलाने वाले चैनसिंह ने राजनीतिक प्रभाव एवं झूठे बयानों के आधार पर भामल के भाजपाई छूटभइये नेताओं के सहारे से किस तरह 8 जून को पुनः अपना प्रबंधक पद का चार्ज हथियाकर पद पर विराजित होकर अपनी झूठी राठौड़ी शान बताकर मूछों पर ताव देकर कहता रहा कि, मुझे चैनसिंह राठौड़ कहते हैं, लाखों का भ्रष्टाचार किया, यहां तक की खवासा संस्था में भी फर्जी खाते खुलवाकर गबन करने पर मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सके, तो मामूली खाद्यान्न व बारदान की हेरा-फेरी में मेरा कोई क्या बिगाड़ लेगा...? की गौरवक्ति कई उपभोक्ताओं के समक्ष करने लगा था।
चैनसिंह के पुनः चार्ज लेने के बाद गूंज ने 24 जून को “चैनसिंह फिर हुआ अपनी भ्रष्ट कारस्तानियों में सफल, हासिल कर लिया फिर से प्रबंधक का पद“ शीर्षक के साथ समाचार प्रकाशित किया, जिसमें किस तरह से स्थानीय नेताओं को आगे कर सांसद गुमान सिंह व कलसिंह भाभर के पास पहुंचे और अधिकारियों को भी अपने स्तर से अपनी काली कमाई का हिस्सा देकर किस तरह से पुनः भ्रष्ट चैनसिंह ने अपना पद हासिल किया उजागर किया था।
माही की गूंज के खुलासे एवं भ्रष्टाचार के इस खेल को उजागर करने पर सीसीबी झाबुआ एवं जनप्रतिनिधि भी हरकत में आए और अपनी कारगुजारी को दबाकर, पुनः चैनसिंह को प्रबंधक पद से हटाकर, सीसीबी झाबुआ के महाप्रबंधक ने 7 जुलाई को पत्र क्रमांक 2021-22/995 से आदेश जारी किया। जिसमें बामनिया शाखा के सुपरवाइजर व खवासा के प्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे विक्रम बैरागी को आ.जा.सह. संस्था का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
चैनसिंह को हटाने वाले आदेश में हटाने का कारण व चैनसिंह का नाम आखिर क्यों नहीं किया उल्लेख...?
आदेश में उल्लेख किया कि, बैंक की प्रशासनिक सुविधा एवं कार्य व्यवस्था की दृष्टिगत विक्रम बैरागी प्र. पर्यवेक्षक शाखा बामनिया सह. प्र. संस्था खवासा को वर्तमान दायित्व के साथ में समिति प्रबंधक संस्था भामल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जाता है।
श्री बैरागी नवीन पदस्थ स्थान पर तत्काल उपस्थित होवे तथा कार्यभार ग्रहण कर प्रभार सूची स्थापना कक्ष प्र. का. झाबुआ को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें।
उक्त आदेश में अधिकारी ने अपना बचाव पक्ष दर्शा कर कहीं भी चैनसिंह को जिसे 8 जून को पुनः प्रभार दिया था को किस कार्रवाई व अनियमित्ताओं पर हटाया गया का उल्लेख नहीं होकर चैनसिंह को पद से हटाए जाने व उसके नाम तक का उल्लेख नहीं किया, जो भी आ.जा.सह. संस्था से लेकर सीसीबी झाबुआ तक की कई अनियमित्ताओं को दर्शा रहा है। खेर संस्था के भ्रष्टाचार पर माही की गूंज की सीधी नजर टिकी है।