माही की गूंज, खवासा
गत दिवस पुलिस आवास और जिले की छह पुलिस चौकियों के शुभारंभ के अवसर पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और जिले के कद्दावर आदिवासी नेता वरिष्ठ विधायक कांतिलाल भूरिया के बीच मंच पर जुबानी जंग हुई, जिसमें निश्चित रूप से कांतिलाल भूरिया ने एक गंभीर मामला उठाया। हालांकि गृहमंत्री ने माहौल को हल्का कर कांतिलाल भूरिया के कथन को नकार दिया लेकिन कांतिलाल भूरिया ने एक बहुत ही गंभीर मामला उठाते हुए कहा कि, आज पुलिस का डर खत्म हो गया है आम आदमी चौकी और थाने में वाजिब कामों के लिए जाने में भी डरता है उनके मन में पुलिस के प्रति डर है, लेकिन इसके विपरीत माफिया, अवैध कारोबारियों व अपराधियों के मन में पुलिस का कोई डर नहीं है। जिसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि, पुलिस का डर नहीं पुलिस पर विश्वास होना चाहिए। निश्चित ही विश्वास होना चाहिए लेकिन अपराधियों के मन में पुलिस का भय ही जरूरी है क्योंकि अगर पुलिस का डर अपराधियों के मन में खत्म हो जाएगा तो ये अपराध करने में संकोच नहीं करेंगे। इसलिए आम जनता के मन में पुलिस के प्रति विश्वास और अपराधियों के मन में डर होना चाहिए।
किंतु इन दिनों ठीक इसका उल्टा ही दिखाई दे रहा है अपराधियों के मन में तो पुलिस के प्रति डर नहीं है लेकिन आम जनता के मन में डर अवश्य है। इसका उदाहरण पिछले वर्ष खवासा में लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला, जब पूरे लॉकडाउन में पुलिस ने सख्ती दिखाकर लोगों के मन में भय पैदा किया और लॉकडाउन का थोड़ा भी उल्लंघन होने पर पुलिस द्वारा प्रतिष्ठित, व्यक्तियों को भी सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई गई, बावजूद इसके उन प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने पुलिस के इन कार्यों की सराहना की। लेकिन ठीक इसके उलट लॉकडाउन खुलने पर अवैध कारोबारियों में सार्वजनिक झगड़ा हुआ तो पुलिस दोनों को निवेदन की मुद्रा में समझाते हुए नजर आई। जिसको लेकर ग्रामवासियों ने आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि, जिनको पुलिस से डरना है वह सार्वजनिक रूप से पुलिस के सामने ही गाली-गलौज कर रहे हैं और पुलिस लाचार बनी है, वहीं अगर इसकी जगह सामान्य व्यक्ति होते तो पुलिस का रोबदार चेहरा अलग ही होता। इसलिए कांतिलाल भूरिया का कहना सही है कि, पुलिस का डर होना चाहिए आम जनता के मन में नहीं बल्कि अपराधियों के मन में। वहीं गृहमंत्री का कहना है कि, पुलिस के प्रति विश्वास होना चाहिए लेकिन यह विश्वास माफिया व अपराधियों के मन में नहीं बल्कि आम जनता के मन में होना चाहिए।