माही की गूंज, बामनिया
ग्राम पंचायत बामनिया जो अपने भृष्टाचार के लिए विख्यात है और जैसा बताया जाता है कि, बगैर पैसे लिए कोई काम नहीं होता और पैसा दे दिया तो नियम कानून कायदे ताक में रखकर नियम विरुद्ध कार्य चुटकियों में हो जाता है, अगर कोई व्यक्ति प्रभावशाली हो तो उसके काम घर जाकर करने से भी परहेज नहीं करते हैं। लेकिन अगर कोई सज्जन व्यक्ति अपने काम के लिए पंचायत में जाए तो उस व्यक्ति की चप्पलें घिस जाए पर मजाल हैं कि, कोई उसकी सुनवाई कर दे।
ऐसा ही वाक्या ग्राम के ओमप्रकाश गेहलोत के साथ हुआ। विगत कई महीनों से नल कनेक्शन के लिए ग्राम पंचायत बामनिया के नल-जल प्रभारी से लेकर सचिव-सरपंच यहां तक कि, सरपंच पति तक से गुहार लगा चुके हैं। कई महीनों से लगातार नल कनेक्शन के लिए परेशान करने वाली बामनिया पंचायत के नुमाइंदो की संवेदना इतनी मृत प्रायः हो चुकी हैं कि, परिवार को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत बामनिया आवेदनकर्ता द्वारा आर्थिक मांगो को पूरा नहीं करने के कारण कनेक्शन देने में विलंब कर रही हैं। महीनों पंचायत के चक्कर लगाने के बाद जब आवेदक को लगा कि, यहां न्याय नहीं मिलेगा तो मजबूर हो कर एसडीएम के समक्ष मंगलवार को जनसुनवाई में आवेदन देना पड़ा और अपनी व्यथा जनसुनवाई में व्यक्त कर नल कनेक्शन दिलवाने की गुहार लगाने को विवश होना पड़ा। गर्मी की बढ़ती विभीषिका को देखते हुए कनेक्शन दिलवाने का आग्रह करना पड़ा।
अगर नल कनेक्शन लेने के लिए सज्जन लोगो को जनसुनवाई में अगर जाना पड़ रहा है तो कल्पना कीजिए कि, बामनिया पंचायत और उसके नुमाइंदा कितने निष्क्रिय होंगे। अब सारी उम्मीद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पर टिकी है कि, कब इस निक्कमी पंचायत को कनेक्शन के लिए आदेशित करते हैं।