पुलिस की नौकरी में चंदी चोरी कर रिटार्यड होने के बाद नाई या पत्रकार बनकर लोगों की कटिंग कर छिलने का कार्य करूंगा- चंद्रावत
माही की गूंज, झाबुआ/मेघनगर
पुलिस की नौकरी में शायद ही कोई ऐसा पुलिसकर्मी होता होगा जो चंदी चोरी यानी मासिक हफ्ता या मामले को निपटाने में रिश्वत नहीं लेता होगा, जिसकी किसी प्रकार की कोई पुष्टि करने की आवश्यकता नहीं है, जो सार्वजनिक है। अगर बात करें झाबुआ व अलीराजपुर जिले की तो यहां पुलिस को तरकड़े की उपाधि से पुकारा जाता है, जो भी सार्वजनिक है। पुलिस की कथनी व करनी में कितना भी फर्क हो तो भी हमारा समाज वर्दी का सम्मान ही सदैव करता आया है पर पुलिस महकमे में कई वर्दीधारियों ने वर्दी को कलंकित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं कई वर्दीधारी अपनी अतिश्योक्ति के साथ ऐसा रोब झाड़ते हैं कि, उसके बारे में बात भी करे तो महज ही आश्चर्य होता है।
ऐसा ही कुछ एक मामला असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने अपनी वर्दी के रोब के साथ अपनी पुलिस की नौकरी में कई बार चंदी चोरी कर जेब भरने वाला थानेदार साहब अब रिटार्यड होने के बाद भी नाई या पत्रकार बनकर लोगों की कटिंग कर धन कमाने की बात अपनी अतिश्योक्ति के साथ कह डाली।
मामला मेघनगर क्षेत्र में सहकारी संस्था की दुकान से एक चार पहिया वाहन खाद्यान्न भरकर जा रहा था कि, तांदलादरा ग्राम में ग्रामीणों ने खाद्यान्न की हेरा-फेरी होने की शंका पर वाहन को रोका व पुलिस के साथ मामले की सूचना पत्रकारों को भी दी। मौके पर रम्भापुर चौकी प्रभारी हरिसिंह चुंडावत मय स्टाफ के मौके पर पहुंचे, वही पत्रकार भी उक्त मामले को कवरेज करने हेतु पहुंचे। मामले की पुख्ता जानकारी हेतु मौके से पुलिस एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में ही पत्रकार दशरथ सिंह कट्ठा ने मेघनगर सीसीबी शाखा के प्रबंधक मन्नू खातेडीया से फोन कर जानकारी ले रहे थे कि, प्रबंधक ने पत्रकार को जानकारी देने के साथ ही मौके की स्थिति जानी व पूछा मौके पर कौन-कौन पहुंचे हैं, जिस पर पत्रकार श्री कट्ठा ने मौके पर रम्भापुर पुलिस व पटवारी साहब के पहुंचने की जानकारी दी। खैर उक्त खाद्यान्न समुह द्वारा बच्चो को वितरित करने हेतु ले जाया जा रहा था जिसके पत्रक पेश किए गए। लेकिन चौकी प्रभारी असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर उर्फ थानेदार साहब हरिसिंह चुंडावत को न जाने ऐसी क्या उगी की उन्हे पुलिस को पुलिस कहकर जानकारी देने के स्वरूप में पत्रकार द्वारा कही गई बात इतनी न जाने क्यों बुरी लगी कि, ग्रामीणों के समक्ष ही थानेदार ने अपनी थानेदारी का रोब पत्रकार पर झाड़ते हुए, अपनी ही चंदी चोरी की पृष्ठभूमि को प्रदर्शित कर कहने लगे कि, पुलिस-पुलिस क्या होता है, हमें हमारे पद से क्यों नहीं बुलाते, आप हमारे अधिकारी हो क्या? हम आपके नीचे कार्य करते हैं क्या? मैं सब इंस्पेक्टर हूं और कुछ माह बाद मेरा रिटायरमेंट होने के बाद मैं नाई या पत्रकार बनकर आमजनता की कटींग कर पैसे ऐढ़ कर उन्हें छिलने का कार्य करूंगा, तिलमिलाकर कहने लगे।
थानेदार की उक्त बात सुनते ही पत्रकार के साथ उपस्थित ग्रामीण भी अचंभित हो गए कि, आखिर थानेदार साहब क्या कह रहे हैं और आखिर क्या कहना चाहते हैं? जो समझ से परे ही था।
साहब नाई को तो उनकी मेहताना का पैसा मिलता है पर ग्रामीण पत्रकार बिन मेहताने के ही अपने कर्तव्य की करते हैं पूर्ति
थानेदार साहब आपकी बात पर इतना ही कहा जा सकता है कि, नाई किसी की भी जेब को काटने का काम नहीं करता है, वो अपनी हुनर व अपनी मेहनत का पैसा मेहताने के रूप में लेकर अपने परिवार का संचालन करता है और रही बात पत्रकारों की तो ग्रामीण पत्रकार, पत्रकारिता अपने शौक व अपनी कर्तव्यनिष्ठा के साथ आमजन की आवाज बनकर बिना मेहताने के ही अपनी कर्तव्यनिष्ठा की पूर्ति करता है। वहीं जहां भी आपके जैसे चंदी चोर अधिकारी की जब-जब सच्चे पत्रकारों के कारण दाल नहीं गलती है तो उन पर आरोप लगाने में भी चूक नहीं करते हैं। आखिर में यह कहना चाहेंगे कि, थानेदार साहब नाई तो अपनी मेहनत का ही लेता है, पत्रकार अपनी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने कर्तव्य को निभाता है पर आप स्वयं ने यह स्पष्ट कर दिया कि, आपने अपनी पुलिसिया नौकरी में किस तरह से कटिंग करते हैं और रिटार्यड होने के बाद लोगों की कटिंग करने की मनसा आप जाहिर कर चुके हैं और आपकी इस सोच को भी समझ चुके हैं कि आगे आप क्या करोगें।
पत्रकारों ने दिया ज्ञापन
मेघनगर के पत्रकारों ने एसपी के नाम मेघनगर थाने पर पत्रकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास रम्भापुर चौकी प्रभारी हरिसिंह चुंडावत के द्वारा किया गया है के संबंध में, चौकी प्रभारी के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने हेतु ज्ञापन दिया।