Friday, 25 ,April 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

कड़ी निंदा नहीं, कठोर कार्रवाई की आवश्यकता | 101 किलोमीटर रतलाम-झाबुआ रोड को बनाने की कवायद शुरू | नवीन बेरागी की जादुगरीः कृषि भूमि पर बिना अनुमति काट चुका है कालोनी, निर्माण कार्य भी शुरू | लापता 6 बच्चे देर रात्रि में पुलिस को सह कुशल मिले | भाजपा को गालियां देने व जूते मारने वाले को ही भाजपा सरकार का संरक्षण | ईट से भरी ट्राली पलटी, बड़ी दुर्घटना टली | प्रभु येशु के अनूठे प्रेम को शिष्यों के पैर धोकर सेवा का संकल्प लिया | केबिनेट मंत्री भूरिया के विधानसभा क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के बड़े मामले उजागर | भ्रष्टाचारियों व अपराधियों का गढ़ बनता जिला... | भगवान भाव का भूखा, हम सिर्फ पत्थर समझ कर पूज रहे है- पंडित मनीष भैया | कछुआ गति से चल रहा कार्य, 2 साल बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिला जल जीवन मिशन योजना का लाभ | अभिभाषक अविनाश उपाध्याय बने अभिभाषक संघ के अध्यक्ष | कलेक्टर करती है नगर में लगे कैमरों से निगरानी, कौन क्या करता है सब पता है...? | पत्रकारों का आक्रोश, अम्बेडकर गार्डन में देंगे धरना | समाज में जीने के लिए परिवार का अपनाना आवश्यक | अज्ञात संक्रमण से बालक की मौतः जिम्मेदार मौन | तीन दिवसीय मायरा कथा का हुआ भव्य समापन, श्री राधिका के भजनों पर झूमे श्रोता | कमीशन का खेल, भ्रष्टाचार की रेलमपेल... कैसे स्कूल चले हम...? | ग्राम/नगर रक्षा समिति सम्मेलन का हुआ आयोजन | जन चेतना शिविर – एसपी ने दी जागरूकता |

मोह और वासना भरी जिंदगी लंका के समान है- आचार्य रामानुज
Report By: भूपेंद्र जैन 28, Feb 2021 4 years ago

image

पीपलखूंटा में राम कथा का आज हुआ समापन 

माही की गूंज, मेघनगर

    सिद्ध तीर्थ पीपलखूंटा में चल रही राम कथा ने आज सभी का मन मोह लिया। आचार्य रामानुज ने राम कथा में एक-एक प्रसंग की व्याख्या करी जिसे सभी भक्तगण सुनकर राममई हो गए। मानव जीवन में यदि मोह और वासना का अंत नहीं किया तो, समझो वह मानव जीते-जी रावण की लंका के समान है, जिसने नारी शक्ति का हरण कर स्वयं अपनी मौत को बुलावा दिया था, यह उद्दगार पीपलखूंटा में चल रहे आठ दिवसीय राम कथा के समापन अवसर पर आचार्य रामानुज जी ने सभी धर्म अनुरागीयों को संबोधित करते हुए व्यास पीठ से कही। व्यास पीठ पर विराजित पोथी पर व्यभिचार शराब व अपराध मुक्त होने का संकल्प आमजनों से दोहराया और कहा कि, इसे त्यागकर मानव से जीवन सुखपूर्वक जीने का आव्हान किया। आचार्य ने राम आगमन का संस्मरण सुनाते हुए, वनवासी केवट ने संघर्ष भरे जीवन का वृत्तांत सुनाया। आचार्य श्री ने जीवन रूपी सरिता अयोध्या से निकलकर कथा समाप्ति आखरी किनारे की महिमा प्रतिपादित करते हुए कहा कि, आज हर किसी के जीवन में समता का किनारा नहीं  है यही राम कथा जीवन यात्रा की कथा है, जिसमें सुग्रीव मैत्री, राम-रावण युद्ध, भरत मिलाप, सीता जी का धरती में समाना रामायण में कई  प्रेरक प्रसंग का वर्णन बताते हुए, भरत के राज्याभिषेक होने के बाद भी राजगद्दी पर राम पादुका रखकर भरत ने मंत्री के रूप में अपना कर्तव्य निभाया।

    उक्त रामकथा हमें मानव बनने व पुरुषार्थ में लगे रहने की प्रेरणा देती है, धर्म सभा में आशीर्वचन महंत दयाराम दास जी ने दिया, धर्म सभा का संचालन राजेश वैद्य ने किया व आभार शांतिलाल पडियार ने व्यक्त किया। राम कथा समापन अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक रचनात्मक कार्य व मंदिर के दानदाताओं के अलावा मीडिया कर्मियों का भी सम्मान किया गया। राम कथा समापन का भंडारा विद्याचरण शर्मा ने किया। इस अवसर पर राम कथा के प्रमुख यजमान घनश्याम अग्रवाल, नाथूलाल अग्रवाल का सम्मान किया गया। राम कथा में बृजेंद्र शर्मा, सुरेशचंद जैन, नायक समाज पीटोल सर्व समाज, विद्वान पंडितों, सीध पीठ के समस्त ट्रस्टीयो तथा दान दाताओं का शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। अधिक से अधिक संख्या में यहां पर राम कथा सुनने आस-पास के क्षेत्र से भक्तगण मंदिर में दर्शन कर एवं भगवान की सेवा पूजा भक्ति का लाभ ले रहे थे। 




माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |