माही की गूंज, खवासा/भामल
हमारी कलम सदैव ही भाजपा सरकार के अधीन कार्य करने वाले प्रशासक के बारे में लिखते आई है कि, भाजपा सरकार में प्रशासन पर कोई नियंत्रण नही नतीजन भ्रष्टाचार का इतना बोलबाला है कि शायद हम कितना भी लिखें वह कम ही पड़ेगा।
एक छोटा सा मामला ग्राम पंचायत भामल में बन रहे 4 लाख 63 हजार के सीसी मार्ग का है, जो मार्ग गांव की एक सकरी गली में गांव के विकास के रूप में सीसी मार्ग बनाने का है। बबलू के घर से बाबू पटेल के घर तक बनाने वाला उक्त सीसी मार्ग के कार्य की स्थिति व अधिकारियों की कार्यप्रणाली दोनों को देखा जाए तो स्पष्ट होता है कि, पंचायत में बैठे सरपंच (प्रधान), सचिव से लेकर इंजीनियर, सीईओ से लेकर वरिष्ठ अधिकारी ही मिलीभगत एवं राजनीतिक संरक्षण के साथ किस तरह से भ्रष्टाचार को बडावा देकर आम लोगों को गुमराह कर रहे है, इस छोटे से विकास कार्य में ही देखने को स्पष्ट रूप में मिल रहा है। उक्त मार्ग का 1 सप्ताह पूर्व ही कार्य चालू हुआ और इस्टीमेट के विपरीत कार्य करने की पुष्टि कार्य के दौरान सब इंजीनियर माइकल डोडियार व थांदला जनपद पंचायत सीईओ रामचंद्र हालू की मौके पर पुष्टि होने के बाद भी गुणवत्ता विहीन व इस्टीमेट के विपरीत निम्न स्तर का कार्य किया जा रहा है।
मामला कुछ युं है कि, सड़क निर्माण कार्य में उपयोग होने वाली निर्माण सामग्री सीमेंट, गिट्टी व रेत का घोल इस्टीमेट के अनुसार कर इस्टीमेट के अनुसार ही लंबाई, चैड़ाई व ऊंचाई में बनाना होता है, परंतु यहां रेत के स्थान पर चुरी का उपयोग व घोल में सीमेंट कम मात्रा में होकर बड़े व बोल्ड पत्थर को घोल में डालकर बिना साफ-सफाई व बिना बेस लेवलिंग के सड़क मार्ग बनाने की शुरुआत की थी। उक्त निर्माण की शुरुआत के दूसरे दिन ही मौके पर दौरे के दौरान सीईओ रामचंद्र हालु व सब इंजीनियर माइकल डोडियार ने निर्माण का मुआयना किया तो, रेत की जगह मिट्टी युक्त चुरी के साथ वह सारी अनियमितताएं देखी गई जिसमें सीमेंट की मात्रा घोल में कम होना, सड़क का बिना साफ-सफाई व बिना बेस लेवलिंग के ही सड़क का निर्माण व निर्माण कार्य में बोल्ड पत्थरों को मिलाना के साथ सड़क का लेंथ को भी इस्टीमेट के विपरीत देखा गया। जिसके बाद पूरे मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर कोई पंचनामा भी नहीं बनाया गया, वहीं मौके पर अपनी अधिकारी पावर बताते हेतु आम लोगों को गुमराह करते हुए कार्य में अनियमित्ता पाई जाने का कहकर इस्टीमेट अनुसार कार्य करने एवं रेत की जगह मिट्टी युक्त चुरी का उपयोग नहीं कर रेत के उपयोग के साथ सड़क निर्माण के मौखिक निर्देश दिए और उक्त कार्य को रेत के आने तक निर्माण नहीं करने के निर्देश भी दिए गए थे। परंतु अधिकारियों की मिलीभगत के साथ आम लोगों को गुमराह करने का जो प्रयत्न किया जाता है, वह उक्त मौखिक निर्देश के 3 दिन बाद मौके पर माही की गूंज ने देखा, जहां अधिकारियों के निर्देश के बाद भी उसी तरह के निम्न स्तर का कार्य व रेत के स्थान पर मिट्टी युक्त चुरी का इस्तेमाल होकर सड़क निर्माण का कार्य पंचायत के द्वारा खड़े किए गए मेड बहादुर डामर व राजेश उर्फ पप्पू निनामा द्वारा करवाया जा रहा था।
उक्त अनियमित्ता एवं अधिकारी द्वारा सड़क निर्माण बंद करने के निर्देश के बाद भी निम्न स्तर का कार्य क्यों किया जा रहा है पूछने पर पंचायत द्वारा खड़े किए गए बहादुर ने हमारे प्रतिनिधि को स्पष्ट व सार्वजनिक रूप से कहा कि, एक पत्रकार को 5 हजार रुपया दई दिदा है सरपंच साब ने, तो तमाने भी पइसा चिये कई, पइसा चिये तो सरपंच साब ने सचिव कन जाओ वि पइसा तमाने भी दई देगा पर तमे समाचार मत छाप जो, हां साब काम करवा को ना कई गया था पर सरपंच साब का केवा से ऐसो काम चली रो है, हमारे प्रतिनिधि को कहा।
निर्माण को लेकर सचिव दरियावर सिंह माल से बात की तो बताया, सीईओ व इंजीनियर साहब ने 3 दिन पहले ही आकर बारीक चुरी एवं गिट्टी मिट्टी युक्त होने के कारण कार्य को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं और अच्छी रेत मंगाने के बाद ही कार्य शुरू करने की बात कही थी यह सही है, निर्माण कार्य को बंद भी कर दिया था और अभी भी कार्य बंद है।
सचिव साहब कार्य तो अभी भी चालू है व निम्न स्तर व बीना रेत के ही मिट्टी युक्त गिट्टी व चुरी से निर्माण किया जा रहा है जिस पर सचिव कहता है, मुझे नहीं मालूम निर्माण चालू है और यह भी नहीं मालूम कि कार्य किसने चालू करवाया।
सरपंच पति नागु से बात की तो बताया, काम करवा रहे छोरों ने यह गलत बात कही कि किसी पत्रकार को पैसे दिए हैं, यह सही बात है कि बिना रेत के काम बंद करने के निर्देश सीईओ व इंजीनियर साहब ने दिए थे पर गांव वालों के कहने पर बिना रेत के ही कार्य कर रहे हैं, यह सही है काम में थोड़ी गलती है तमे समाचार मत छाप जो मै तमा से आई ने मिल लूंगा, कहकर माही की गूंज को अपनी तरह भ्रष्ट समझ कर अप्रत्यक्ष रूप से प्रलोभन देने की बात कही।