माही की गूंज, थांदला।
हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग बहुत ही लाभप्रद है। योग के माध्यम से ही प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनि ध्यान समाधि लगाकर स्वस्थ एवं दीर्घायु रहते थे। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हम केवल एक दिन ही योग करके औपचारिकता नहीं निभाएं बल्कि इसे हमारी दिनचर्या में नियमित रूप से योग करके स्वस्थ एवं सक्रिय बने।
उपरोक्त विचार दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में प्राचार्य डॉ. जीसी मेहता ने व्यक्त किये। डॉ. पीटर डोडियार ने 2024 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम "स्वयं और समाज के लिए योग" को स्पष्ट करते हुए बताया कि योग से आशय है जुड़ना। सर्वप्रथम व्यक्ति योग द्वारा स्वयं के शरीर व मन से जुड़ता है इसके पश्चात परिवार व पड़ोस से जुड़कर समाज से जुड़ता है और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से पूरे विश्व के देश परस्पर जुडते हैं।
प्रो. एसएस मुवेल ने योग के महत्व के साथ ही वर्तमान समय में स्वस्थ रहने के लिए वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता बताई। क्रीड़ा अधिकारी डॉ. आरएस चौहान, डॉ. मीना मावी एवं डॉ. दीपिका जोशी के संयुक्त निर्देशन में महाविद्यालय के परिसर में योग प्राणायाम व ज्ञान की मुद्राएं की गई। इस अवसर पर आयुष विभाग से डॉक्टर राकेश आवास्या, गोविंद मकवाना तथा महाविद्यालय के डॉ. मनोहर सोलंकी, डॉ. छगन वसुनिया प्रो. हिमांशु मालवीय, प्रो. केएस डोडवे, प्रो. सीएस चौहान, डॉ. संदीप चटपोटा, प्रो. अमर सिंह मंडलोई, डॉ. अर्चना अवस्थी, दिनेश मोरिया, दलसिंह मोरी, अजय मोरी, रमेश डामोर एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने योगासन किया। क्रीड़ा प्रभारी प्रो. विजय मावी ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा क्रीड़ा अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान ने आभार व्यक्त किया।