कथा श्रवण से मन निर्मल होता है- कौशिकजी महाराज
माही की गूंज, थांदला।
नागर समाज के मुख्य यजमान सुभाषचन्द्र नागर ने अर्थ का सदुपयोग करते हुए नगर में भागवत कथा का आयोजन करवाया। सप्ताहंत में श्रीमद्भागवत कथा पूर्णाहुति पर थांदला भोला भण्डारा परिवार संचालक मण्डल सदस्य श्रीमंत अरोड़ा पवन नाहर, समकित तलेरा, प्रकाश सोनी, मोहनलाल हरवाल आदि ने वृन्दावन से पधारें युवा कान्हा कौशिकजी महाराज का पुष्पमाला पहनाते हुए शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर धर्म सभा का संचालन कर रहे मनोज नागर ने महाराजश्री को बताया कि, भोला भण्डारा परिवार अमरनाथ यात्रा के दौरान चंदनवाड़ी में विशाल लंगर लगाते हुए भण्डारा करता है। उनके द्वारा वीगत वर्ष से पावागढ़ मातारानी के दर्शन जाने वालें यात्रियों के लिए मेघनगर पिटोल चौराहें पर भी लंगर सेवा शुरू की गई है। महाराजश्री ने भोला भण्डारा परिवार की सेवा की सराहना करते हुए आशीर्वचन कहे। मेट्रो परिसर में श्रीमद्भागवत कथा का मर्म व श्रवण का महत्व बताते हुए महाराज श्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से मन निर्मल हो जाता है और मनका मेल भी साफ हो जाता है जिससे हमें भक्ति के मार्ग पर चलने में और उससे प्रभु मिलन का रास्ता मिल जाता है उक्त उद्गार मेट्रो गार्डन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन कथा वाचक कान्हा कौशिक जी महाराज ने व्यक्त किए। कथा के श्रवण करने के बाद मन से क्रोध , इर्षा , द्वेष के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए यह कथा के श्रवण काफल ही है जो हमे भगवान से जोड़ता है। धर्म कथा में मुख्य लाभर्थी सुभाषचंद्र नागर का भी नागर समाज कि ओर से शाल माला पहनाते हुए सम्मान किया गया।