
माही की गूंज, काकनवानी।
हिन्दू नववर्ष के उपलक्ष में दिनांक 8 अप्रेल सोमवार को श्री बजरंग रामायण मंडल पेटलावद द्वारा स्वर्गीय मंगल भट्ट की स्मृति में चतुर्थ सुंदरकांड प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस भक्ति एवं संगीतमय कार्यक्रम में दूर-दूर से पधारे सभी कलाकारों ने अपनी पूर्ण ऊर्जा लगाते हुए संगीतमय पाठ का आयोजन किया एवं उपस्थित जन समुदाय स्रोतोंओ का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस आयोजन में काकनवानी के श्री सिद्धेश्वर रामायण मंडल के सभी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर उपस्थित जन समुदाय का मन मोह लिया एवं प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने गांव का नाम रोशन किया।
इस भाव सुंदरकांड प्रतियोगिता आयोजन में ख्याति प्राप्त शाजापुर, केसुर, राजपुरा, बुरहानपुर, मक्सी के मंडलों ने भाग लिया। सुंदरकांड पाठ आयोजन के पश्चात निर्णायक के रूप में पधारे मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध श्री खेड़ापति सुंदरकांड मंडल शाजापुर के प्रकाश सूर्यवंशी एवं बड़नगर से पधारी साध्वी स्वाति मिश्रा द्वारा श्री सिद्धेश्वर रामायण मंडल काकनवानी को प्रथम स्थान दिया गया।
आपको बता दें कि, श्री सिद्धेश्वर रामायण मंडल काकनवानी दूर-दूर कई शहरों में कई गांव में बड़े-बड़े आयोजन कर चुका है। यह मंडल सुंदरकांड पाठ के अतिरिक्त भजनों की सुंदर प्रस्तुति के लिए भी जाना जाता हैं। इस मंडल द्वारा काकनवानी में प्रतिवर्ष गरबा का भी आयोजन में किया जाता है एवं माता रानी के भजनों के साथ खाटू श्याम के भजन भी की भी प्रस्तुति के लिए विख्यात है। कहीं बड़े-बड़े आयोजनों के साथ यह भक्त मंडली शहरों गांवों के अतिरिक्त छोटे-छोटे कस्बों एवं आदिवासी अंचल के फलियां में हर घर घर जाकर धर्म का अलख जागते हैं। बिना किसी सहयोग राशि के एवं बिना किसी लालच के गरीब से गरीब के घर जाकर नि:शुल्क भी सुंदरकांड रामायण पाठ का आयोजन किया करते हैं। इस मंडल के द्वारा कई बार पूजा सामग्री भी अपने साथ में ले जाकर ग्रामीण अंचलों में भजनों की एवं सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाता है। जहां इस क्षेत्र में कई जगह पर जोरो से धर्मांतरण का कार्य किया जा रहा है तो वहीं धर्मांतरण को रोकने के लिए एवं हिंदू धर्म को सुरक्षित एवं कायम रखने के लिए यह मंडली कई सामाजिक कार्य करते हुए एवं धर्मांतरित हो चुके सैकड़ो लोगों की घर वापसी भी करवाने का कार्य करते रहते हैं।
पेटलावद में किए गए इस सुंदरकांड भव्य आयोजन में इस मंडल के संचालक गोलू पंचाल, प्रमुख गायक राहुल पंचाल, बंटी पंचाल, चिराग पंचाल, ढोलक वादक अनुज पंवार, तबला वादक शोभीत जैन, ऑक्टोपेड़ वादक पीयूष पंचाल, की बोर्ड विपुल सोनी, सह गायक हितेंद्र पंचाल, शिवम पंचाल का सहयोग रहा।