माही की गूंज, थांदला।
कैथोलिक चर्च थांदला में ईस्टर पर्व शनिवार-रविवार की मध्य रात्रि में धूमधाम से मनाया गया। यह पर्व प्रभु येशु के मृत्यु के पश्चात तीसरे दिन कब्र से जी उठने की यादगारी पर मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को प्रभु येशु को क्रूस पर चढ़ा कर मार डाला था उन्होंने मनुष्य के पापों के प्रायश्चित के लिए अपने अनूठे प्रेम को प्रकट किया। जिससे मनुष्य अपने पापों के प्रायश्चित द्वारा स्वर्ग का अनंत सुख प्राप्त करें। क्रूस पर मरने के बाद शिष्यों ने प्रभु येशु के शव को एक कब्र में रख दिया था। मुख्य याजक पल्ली पुरोहित फादर पीटर कटारा ने बताया कि, प्रभु येशु जी उठने के बाद चालीस दिनों तक इस संसार में रहे और जी उठने के कई प्रमाण देते रहे। कैथोलिक ईसाई धर्म में यह पर्व सबसे बड़ा पर्व माना जाता है क्योंकि प्रभु येशु ने कई बड़े बड़े चमत्कार किए। उन्होंने अंधों को आंखे दी, कोडियों को शुद्ध किया, बीमार को स्वस्थ किया, मुर्दों को जिलाया, किंतु अगर प्रभु येशु जी नही उठते तो ईसाई धर्म कब से समाप्त हो जाता। किंतु प्रभु येशु कब्र से जी उठे और आज भी जीवित हैं। इसलिए आज भी येशु द्वारा चमत्कार किए जाते हैं। इसलिए धर्मावलंबी आज भी विश्वास करते हैं। आज भी प्रभु येशु की शिक्षाओं का अनुसरण करते है। जब हम उनसे प्रार्थना करते हैंतो वे हमारी प्रार्थना सुनते हैं। मिस्सा पूजा में पल्ली पुरोहित फादर पीटर कटारा सहायक फादर प्रेम मुनिया फादर बासिल डामोर फादर सोनू वसुनिया ने भाग लिया। पल्ली पुरोहित एवम सहायक पुरोहितों ने उपस्थित समाजजनों को ईस्टर पर्व पर शुभकामनाएं दी। राजेंद्र बारिया पल्ली सचिव के साथ सभी पलिवासियों ने सहयोग प्रदान किया राजू कटारा और उनके दल द्वारा ईस्टर पर्व के सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी। आभार फादर पीटर कटारा ने माना।