माही की गूंज, रंभापुर।
स्कूली बच्चों में शैक्षणिक सह साहित्य सांस्कृतिक गतिविधियां हेतु नित्य प्रयास उत्तरोत्तर उन्नति शिक्षा गुणवत्ता लक्ष्य लिए किए जा रहे है। जनजातीय विभाग द्वारा संचालित शासकीय स्कूलों में ऐसी सततत गतिविविधी भी जारी है। इसी तारतम्य में मेघनगर विकासखंड के सुदूर अंचल की शाला शासकीय उमावि मांडली में विभाग प्रमुख सहायक आयुक्त जनजातीय विकास विभाग श्रीमति निशा मेहरा के विशेष मार्गदर्शन में व प्राचार्य सुजान सिंह हरवाल के मार्गदर्शन में तुलसी जयंती मनाई। प्रार्थना सभा के दौरान तुलसी दास को स्मरण किया गया।
राष्टीय कवि व शाला के हिंदी शिक्षक निसार पठान रंभापुरी ने तुलसी दास जी के साहित्य लेखन पर प्रकाश डालते हुए कहा, तुलसी दास जी विश्व के लोक मंगल के कवि आपके द्वारा रचित महाकाव्य रामचरितमानस विश्व की अमूल्य साहित्य धरोहर है। रामचरितमानस अनुशासन संयम मातृभाव विनय शीलता की सीख देती है। श्रीराम के जीवन वृत्त में मर्यादा अनुशासन की शिक्षा मिलती है। बच्चो ने भी दोहे व तुलसी दास जी से जुड़े प्रश्नमंच के ज़वाब दिए। छात्र सुनील व वर्षा ने तुलसी द्वारा रचित लक्ष्मण परशुराम प्रसाद के बारे में बताया। शिक्षक जितेन्द्र द्विवेदी ने भी तुलसी के वृतांत पर प्रकाश डालते हुए उनकी रचनाएं विनय, पत्रिका, दोहावली आदि को अनुकरणीय बताया। संचालन शिक्षक प्रहलाद सिसोदिया ने किया व आभार शिक्षक राकेश झणिया ने माना।