नागा देवनारायणदासजी महाराज ने संत समाज को हिंदुत्व के लिए प्रेरित किया- अशोक
माही की गूंज, थांदला।
राष्ट्रवादी संत हनुमान अष्ट मंदिर न्यास थांदला के संस्थापक भक्त मलूकदास खत्री की बावड़ी मंदिर के महंत 1008 साकेतवासी नागा देवनारायणदासजी महाराज मीसाबंदी की 30 वीं पुण्यतिथि भक्तजनों द्वारा उनके समाधिस्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए मनाई। जानकारी देते हुए भक्त मलूकदास ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने बताया कि, नागा देवनारायणदासजी ने जीवन पर्यंत वनांचल में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का बीजारोपण करते हुए जनजाति समाज को स्वधर्म संस्कृति पर अडिग रहने के लिए प्रेरित किया। आप गौ रक्षा आंदोलन, गोवा मुक्ति आंदोलन, कच्छ रण मुक्ति आंदोलन, बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन मैं सक्रिय भूमिका निभाते रहे साथ ही संपूर्ण वनांचल में गंगा यात्रा से लेकर राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए आई शिला पूजन यात्रा तक को जन समुदाय के लिए एकात्मता आंदोलन में प्रेरणा स्त्रोत बने परिणाम स्वरूप आपको पूरे 19 महीने मीसा कानून के तहत जेल में रहना पड़ा। राजस्थान से आये गुरु भक्त मधुसूदन व्यास ने गुरुदेव के प्रति स्मृति को साझा करते हुए कहा कि जनजाति अंचल में भक्ति आंदोलन के प्रणेता रहे महंत को डूंगर मालवा ही नही पूरा देश नमन करता है, अकाल के समय में अन्नक्षेत्र चलाते हुए अंचल की जनता की सेवा अनुकरणीय उदाहरण है। आपने हिंदुत्व की अलख जगाने के लिए मंदिर परिसर में गुरुकल की स्थापना करते हुए अनेक सन्तों को दीक्षित भी किया। इस अवसर पर मन्दिर के महंत नारायणदासजी द्वारा उनकी महाआरती की गई।
इस अवसर पर अंचल के विभिन्न स्थानों से पधारें साधु महंत बद्रीदासजी महाराज, राघवदासजी महाराज, बलरामदासजी महाराज, रामदासजी महाराज, राजमणिजी महाराज, बनवारीदास महाराज, मणिरामदासजी महाराज, रामरूपदासजी महाराज, बालकदासजी महाराज, वरुणजी महाराज, कैलाश आचार्य आदि महंत, पुजारी के साथ ही अजजा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष कलसिंह भाबर, जिला महामंत्री ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष विश्वास सोनी, ट्रस्ट उपाध्यक्ष विट्ठल पटवारी, तुलसी मेहते, वार्ड पार्षद राजू धानक, समाजसेवी सचिन सौलंकी, कमलेश दायजी, कैलाश व्यास, जवसिंह परमार, सुरेश शुक्ला, भूषण भट्ट, पवन नाहर, अक्षय भट्ट, मनीष अहिरवाल, आत्माराम शर्मा, गिरधारी राठौड़, श्रीमंत अरोड़ा, जितेंद्र कोठारी, दिनेश पंचाल (प्राण), एमडी चौहान, रमेश हिहोर, चिन्टू वैरागी आदि ने गुरुदेव की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्श विचारों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।