माही की गूंज, काकनवानी।
कहते हैं आज के युग में बिना संगठन और बिना एकता के कोई भी जन हित का काम नहीं हो सकता। हमें हर कार्य के लिए संगठन की आवश्यकता पड़ती ही है। आज के युग में फिर चाहे पुलिस प्रशासन हो या बिजली विभाग हो या जल आपूर्ति विभाग हो या शिक्षा विभाग हो फिर चाहे राज्य सरकार और केंद्र सरकार ही क्यों न हो जनहित के कार्यों के लिए हमेशा हमें आंदोलन, चेतावनी और शक्ति प्रदर्शन करना ही पड़ता है। बिना शक्ति प्रदर्शन किए कोई भी कार्य को करवाना संभव ही नहीं हो रहा है।
यही नजारा शनिवार को ग्राम काकनवानी में देखने को मिला। पिछले 4 दिनों से बिजली बंद पड़ी थी, बारिश आने और कम वोल्टेज में अधिक लोड होने के कारण बार-बार बिजली का ट्रांसफार्मर जल रहा था। जिस कारण 4 दिनों से समस्त ग्रामवासी बिना बिजली के परेशान हो चुके थे। ग्रामवासी ही नहीं उनके साथ बिजली विभाग के छोटे कर्मचारी भी इस बारिश में 24 घंटे सेवा देकर ग्राम वासियों की डांट डपट भी सुनकर गिरते पानी में भी सुचारू रूप से बिजली चलाने का प्रयास करते रहे लेकिन हर बार असफलता ही मिलती थी। ट्रांसफार्मर जलने से पूरा गांव 4 दिनों से परेशान हो रहा था, पूरी-पूरी रात ग्रामवासी सो नहीं पा रहे थे।
शनिवार को समस्त ग्राम वासियों ने संगठित होकर अपनी एकता दिखाते हुए गांव के सरपंच पति बाबू निनामा के साथ मिलकर झाबुआ गए जहां 200 वोल्ट का ट्रांसफार्मर लगाने का ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन के दौरान अधिकारी ने 200 वाल्ट का ट्रांसफार्मर लगाने का स्वीकार तो किया लेकिन जो पुराने लाइन डाली हुई है उस लाइन पर यह ट्रांसफार्मर नहीं चल पाएगा और पूरी लाइन जल जाएगी कह कर सौ-सौ वाल्ट की दो ट्रांसफार्मर 2 दिन में लगाने का आश्वासन दिया और 100 वाल्ट का ट्रांसफार्मर तुरंत दे दिया। जिसे काकनवानी लाकर ग्राम वासियों की मदद से लगाया गया और शाम 5 बजे सुचारू रूप से बिजली प्रदाय की गई।
अगर इसी प्रकार ग्रामवासी ग्राम पंचायत का सहयोग कर सरपंच के साथ मिलकर हर कार्य में अपनी रुचि दिखाते हुए संगठित होकर कार्य करें तो आने वाले समय में जो करोड़ों रुपए खर्च कर नल जल योजना का कार्य अधूरा पड़ा है, वह भी पूर्ण होकर सुचारू रूप से गांव में नल में जल प्रदाय हो सकता है। बस हमें जरूरत है तो एकता और संगठन की है। जब तक ग्रामवासी नहीं जागेंगे तब तक अंधे बहरे गूंगे भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट अधिकारियों की आंखें नहीं खुलेगी।