4 हजार 681 किसानों का 5 करोड़ 82 लाख ब्याज होगा माफ
माही की गूंज, थांदला।
मानसून की दस्तक आने से पहले किसानों की चिंता असली बीज व पर्याप्त खाद की उपलब्धता को लेकर होती है। जिसके लिए शासन प्रशासन भी अनेक योजनाओं के माध्यम से किसानों के लिए उचित मात्रा में खाद बीज का प्रबंध भी करता है। लेकिन इस बार किसानों के लिए स्थानीय कृषि विभाग द्वारा सोयाबीन, कपास, मक्का आदि बीजों की मांग तो की गई है लेकिन मक्का के बीज के अलावा अभी सोयाबीन व कपास का आबंटन प्राप्त नही हुआ है।
उक्त जानकारी देते हुए जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक पारसिंह मुणिया ने बताया कि, हमारें पास खाद का पर्याय स्टॉक उपलब्ध है जबकि बीज की मांग भेजने के बाद भी अभी आबंटन प्राप्त नही हुआ है जैसे ही आबंटन प्राप्त हो जाएगा उन्हें बीज उपलब्ध करवा दिया जाएगा। उन्होंनें बताया कि थांदला ब्लॉक के करीब 8 हजार किसानों में से 2 हजार 183 किसानों को खाद उपलब्ध करवा दिया गया है। जबकि डिमांड व नियमानुसार अन्य किसानों को भी खाद दिया जा रहा है।
कृषि विभाग के थांदला प्रभारी गंगाराम चौहान ने बताया कि, सोसायटी व कृषि विभाग द्वारा 70 क्विंटल सोयाबीन के अलावा मक्का व कपास का डिमांड पत्र भेजा जा चुका है जिसमें से मक्का आ चुकी है। वही अन्य बीज भी समय रहते किसानों को उपलब्ध करवा दिए जाएंगे जो सोसायटी के अलावा हमारें विभाग व खजूरी फार्म से भी खाद बीज प्राप्त कर सकेंगे।
4 हजार 681 डिफाल्टर किसानों का ब्याज होगा माफ
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक झाबुआ की शाखा थांदला के प्रबंधक पारसिंह मुणिया ने जानकारी देते हुए बताया कि, मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना के तहत करीब 4 हजार 6 सौ 81 डिफाल्टर किसानों का जिनका ऋण 2 लाख रुपये से नीचे है उनका 5 करोड़ 82 लाख रुपये ब्याज माफ किया जाएगा इस सम्बंध में जिलें से निर्देश भी आ चुके है। उन्होंनें बताया कि, इसके लिए किसानों को पत्र दिया जा चुका है वही स्थानीय सोसायटी के माध्यम से उन्हें सूचित किया जाएगा ताकि वे मानसून के समय अपने खेत पर ध्यान दे सके व उन्हें अनावश्यक बैंकों के चक्कर भी न लगाना पड़े।
बाजारों में नकली बीज के लिए कागजी दल तैयार
मानसून सिर पर आते ही बाजारों में अमानक नकली खाद बीज की भरमार भी आम बात हो गई है। आज आलम यह है कि थांदला शहर तो ठीक ग्रामीण अंचलों में भी बिना लाइसेंस खाद बीज बेचने वालों की भरमार होने लगी है वही प्रशासन की मेहरबानी से एक ही लायसेंस पर भी दो से अधिक दुकानें संचालित होने लगी है। ऐसे में जब भी कृषि विभाग से बात की जाती है तो वे या तो वे दुकानों के नाम मांगते है या फिर कागजी जाँच दल गठित कर कार्यवाही किये जाने की बात करते है। आपको बता दे वीगत दिनों लम्बे समय में थांदला नगर व आसपास प्रशासन एक भी कार्यवाही नही कर पाया है। वही जब भी वह दल बल के साथ कभी नगर में निकलता है तो एक स्थान पर कार्यवाही की सूचना से दूसरें स्थानों की फर्म के शटर डाउन कर व्यापारी गायब हो जाते है ऐसे में कृषि विभाग को चाहिए कि वे उन बन्द पड़ी दुकानों को सील करते हुए उनकी उपस्थिति में ही दुकानों को खुलवाये व योग्य कार्यवाही करें तभी अंचल के किसानों को नकली खाद व नकली बीजों से मुक्ति मिलेगी।