मन्दिर में तप अनुमोदनार्थ आयोजित चौवीसी में महिला मंडल ने किया बहुमान
माही की गूंज, थांदला।
नगर में वर्षितप आराधना चौवीसी सहित अन्य धार्मिक आयोजनों का माहौल बना हुआ है। ऐसे में लिमड़ी गुजरात कि ओर से उग्र विहार कर प्रवर्तक श्री जिनेद्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती पूज्य श्री आदित्यमुनि म.सा. व पूज्य श्री पावनमुनिजी थांदला पधारें। आपके सानिध्य में पक्खी पर्व की आराधना के साथ धर्म प्रवचन का लाभ सकल संघ को मिला। स्थानकवासी पौषध भवन पर उपस्थित परिषद को सम्बोधित करते हुए आदित्यमुनिजी ने कहा कि हर व्यक्ति की चाह जीव से शरीर छोड़ने की रहती है लेकिन उसकी क्रिया शरीर को पुष्ट करने की अधिक रहती है, वह शरीर को छोड़ना ही नही चाहता लेकिन आयुष्य पूर्ण होते ही उसे एक शरीर से दूसरे शरीर में जाना पड़ता है, जिससे ही वह भव भ्रमणा का दुख पाता है। पूज्य श्री ने कहा सम्यग दर्शन से क्रमशः सम्यग ज्ञान - चारित्र - तप - मोक्ष यावत निर्वाण प्राप्त होता है। अर्थात सम्यग दर्शन महत्वपूर्ण है जिससे समकित मिलता है जो सभी गतियों में सम्भव है लेकिन निर्वाण केवल मनुष्य गति से ही होता है। पूज्य श्री ने कहा निर्वाण के अधिकारी केवल जैन ही है अर्थात जिन्होंनें धर्म का सही स्वरूप समझ लिया और पहला मिथ्यात्व गुणस्थान छोड़ दिया वही क्रमशः उत्तरोत्तर उन्नति कर एक दिन निर्वाण प्राप्त कर ही लेता है। इस अवसर पर पूज्य श्री ने प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ऋषभदेवजी के चारित्र की शुरुआत की। धर्म परिषद को सम्बोधित करते हुए पूज्य श्री पावनमुनिजी ने कहा आत्मा की मुक्त अवस्था ही मोक्ष है जो हर जीव के साथ विद्यमान है बस उस पर पाप क्रियाओं से कर्मों का आवरण लगा हुआ है। यदि वह प्रमाद, मोह, अज्ञान का त्याग कर सम्यग धर्म आराधना करता है तो निश्चित मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। उन्होंनें तीर्थ को परिभाषित करते हुए कहा कि जिसमें धर्म का निवास हो वह तीर्थ है इसलिए तीर्थंकर भगवान ने चार साधक तीर्थ बतलाए है जिनमें साधु, साध्वी, श्रावक और श्राविका आती है जो पाप से सर्व विरत होकर अपना आत्म लक्ष्य निर्वाण प्राप्त कर लेती है।
धर्म सभा संचालन करते हुए सचिव प्रादीप गादिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पक्खी पर्व पर होने वालें नियमित नवकार महामंत्र जाप उर्मिला गादिया, उषा गादिया, तारा चौपड़ा व सानिया तलेरा के लाभार्थी है। रात्रि कालीन एक शाम आदिनाथ के नाम का लाभ मनीष अमृतलाल चौपड़ा परिवार ने लिया।
इनका हुआ बहुमान
मन्दिर परिसर में आयोजित तप अनुमोदनार्थ चौवीसी में आभा पीचा की अध्यक्षता में नम्रता कटारिया, ममता दायजी, शिल्पा लुणावत, पूर्णिमा पोरवाल आदि स्थानीय महिला मण्डल पदाधिकारी एवं सदस्यों ने थांदला सकल संघ में चल रहे उपवास से वर्षितप आराधक आशा श्रीमाल, प्रतिभा लोढ़ा, कला खिमेसरा, अनुपमा श्रीमाल, भरत भंसाली तथा एकासन से वर्षितप आराधक पवन नाहर, निलेश पावेचा, ललित भंसाली, मंगलेश श्रीमाल आदि के साथ प्रसिद्ध पालितना तीर्थ की नवाणु यात्रा करने वालें बाल तपस्वी साक्षी लोढ़ा, रीत पोरवाल, सुरभि लुणावत, दीपाली मोदी, जिनल भंडारी, अर्हम छिपानी, हार्दिक मोदी, जैनम लोढ़ा, कौशिक शाह, केवल फुलफगर, वेदांत मोदी का बहुमान किया गया। इस अवसर पर थांदला मन्दिर जी की साफ सफाई के लिए अंकेश पोरवाल, हार्दिक मोदी, कौशिक शाह, जैनम लोढ़ा, हिमांशु छाजेड़, केवल फुलफगर, शंखेश नाहाटा, तनिष लुक्कड़, जिनेंद्र फुलफगर, दीपाली मोदी, हर्षी लुणावत एवं साक्षी लोढ़ा का सम्मान किया गया। मन्दिर जी में रंगोली बनाने के लिए दीपाली मोदी, यश्वी नवलखा, साक्षी लोढ़ा एवं सलोनी मेहता को भी पुरुस्कृत किया गया।