स्पेशल कोर्ट ने दिया मृत्युदंड, जल्दी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पांच माह में सुनाया फैसला
माही की गूंज, इंदौर।
आजाद नगर क्षेत्र में सात साल की बच्ची की हत्या करने वाले युवक को स्पेशल कोर्ट ने मृत्युदंड दिया है। जल्दी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पांच माह में फैसला सुना दिया। घटना पिछले वर्ष सितंबर की है। हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसके पड़ोस में रहने वाला युवक सद्दाम उर्फ वाहिद ही था। उसने मासूम के शरीर पर 15 वार किए थे और हाथों की नस भी काट दी थी। कोर्ट में इस केस की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष आरोपी सद्दाम को मानसिक विक्षिप्त बताकर कड़ी सजा नहीं देने की गुहार लगा रहा था, लेकिन कोर्ट ने गंभीर अपराध मानकर फांसी की सजा सुनाई। हत्या करने से पहले आरोपी ने बच्ची के हाथ की नस भी काट दी थी। आजाद नगर क्षेत्र में सात साल की बच्ची की हत्या करने वाले युवक को स्पेशल कोर्ट ने मृत्युदंड दिया है। जल्दी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पांच माह में फैसला सुना दिया। घटना पिछले साल सितंबर की है। हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसके पड़ोस में रहने वाला युवक सद्दाम उर्फ वाहिद ही था। उसने मासूम के शरीर पर 15 वार किए थे और हाथों की नस भी काट दी थी। कोर्ट में इस केस की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष आरोपी सद्दाम को मानसिक विक्षिप्त बताकर कड़ी सजा नहीं देने की गुहार लगा रहा था, लेकिन कोर्ट ने गंभीर अपराध मानकर फांसी की सजा सुनाई। हत्या करने से पहले आरोपी ने बच्ची के हाथ की नस भी काट दी थी।दरवाजा बंद कर लिया। जब तक लोग बच्ची को बचाने आते। तब तक आरोपी सद्दाम बच्ची को चाकूओं के वार कर मौत के घाट उतार चुका था। रहवासियों ने दरवाजा तोड़ा तो भीतर बच्ची का शव था और आरोपी चाकू लहराते हुए वहां से भाग गया था। गिरफ्तारी के बाद मामला कोर्ट में पहुंचा तो यह तर्क दिया गया कि सद्दाम मानसिक रोगी है और वह मानसिक अस्पताल में भी भर्ती रह चुका है, लेकिन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। घटना के बाद मकान तोड़ दिया आरोपी ने दुष्कर्म के इरादे से बच्ची को ले जाना और हत्या करना कबूला था। इस घटना के बाद क्षेत्र में काफी आक्रोश छा गया था और लोगों ने आरोपी सद्दाम के घर पर पथराव किया था। आरोपी का अवैध निर्माण नगर निगम ने गिरफ्तारी के बाद तोड़ दिया था।
यह था हत्या का मामला
पिछले साल 23 सितंबर को आरोपी सद्दाम बच्ची को उठाकर ले गया। बच्ची बस्ती में खेल रही थी। बच्ची जिस घर में रहती थी। उसके मकान मालिक की पत्नी भी आरोपी के पीछे दौड़ी लेकिन आरोपी बच्ची को कमरे के भीतर ले गया और भीतर से दरवाजा बंद कर लिया। जब तक लोग बच्ची को बचाने आते। तब तक आरोपी सद्दाम बच्ची को चाकूओं के वार कर मौत के घाट उतार चुका था। रहवासियों ने दरवाजा तोड़ा तो भीतर बच्ची का शव था और आरोपी चाकू लहराते हुए वहां से भाग गया था। गिरफ्तारी के बाद मामला कोर्ट में पहुंचा तो यह तर्क दिया गया कि, सद्दाम मानसिक रोगी है और वह मानसिक अस्पताल में भी भर्ती रह चुका है, लेकिन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।