अमरगढ़ में उपस्वास्थ्य केंद्र पर डिलेवरी की होती सुविधा तो गर्भवती को नही करना पड़ता परेशानी का सामना
माही की गूंज, अमरगढ़।
जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही व उदासीनता किसी से छिपी नही है। मौका चाहे किसी दुर्घटना के बाद ईलाज का हो बीमारी में ईलाज का हो या प्रसूति का हो, स्वास्थ्य विभाग फिसड्डी ही साबित होता नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में खुले उपस्वास्थ्य केंद्र भी राम भरोसे ही चल रहे है। कहीं सीएचओ गायब है, कहीं एएनएम तो कहीं आशा कार्यकर्ता से आस लगाना भी बेमतलब साबित हो रहा है।
आज सुबह करीब 11 बजे ग्राम असालिया की रेणु पती पंकज मेडा निवासी असालिया गर्भवती महिला को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने के चलते वह बामनिया में इलाज के लिए जा रही थी। तभी ग्राम अमरगढ़ व बामनिया के बीच रामपुरिया हनुमान मंदिर के पास गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। तभी वही से ग्राम पंचायत अमरगढ़ सरपंच पिन्टू सिंह भूरिया का निकलना हुआ। प्रसूता की गंभीर स्थिति को यह साफ लग रहा था कि प्रसूता को अगर हॉस्पिटल तक ले जाने का इंतजार किया तो जच्चा व बच्चा दोनों को खतरा जो सकता है। जिसे देखते हुए सरपंच पिन्टू सिंह भूरिया ने तत्काल अमरगढ़ उपस्वास्थ्य केंद्र सीएचओ दुर्गा खराड़ी व आशा कार्यकर्ता व अन्य महिलाओं को मोके पर बुलाया व गर्भवती महिला की मन्दिर के पास ही डिलेवरी हुई। वही तुरंत 108 को फोन कर बुलाया गया।
सीएचओ दुर्गा खराड़ी ने बताया कि, डिलेवरी के बाद माँ व बच्चा दोनों स्वस्थ है, जिन्हें तुरंत 108 की मदद से पेटलावद सिविल हॉस्पिटल भेजा गया। सरपंच भूरिया अगर सही समय पर व्यवस्था नही करते तो किसी भी अनहोनी होने की आशंका थी।
ग्राम के उपस्वास्थ्य केंद्र पर डिलेवरी सुविधा की उठ रही मांग
ग्राम पंचायत अमरगढ़ में उपस्वास्थ्य केंद्र मुख्य मार्ग पर ही बना हुआ है साथ ही यहां पर पूरा स्टाफ भी महिलाओं का ही है। जिसके चलते लंबे समय से उपस्वास्थ्य केंद्र पर ही प्रसूति की डिलेवरी सुविधाओं की मांग उठ रही है। वही पंचायत प्रशासन ने भी कई बार इस सम्बन्ध में विभाग को भी अवगत करवाया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब भी चिर निंद्रा में है और उसने इस कोई कोई कदम नही उठाया है।
वही सरपंच पिन्टू सिंह भूरिया का कहना है कि, हमने कई बार इस संबंध में विभाग को सूचित किया है व पंचायत प्रशासन भी हर सम्भव मदद करने को तैयार है लेकिन विभाग की ओर से कोई सकारात्मक पहल देखने को नही मिली है। उपस्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ भी ग्राम में न रहकर अन्य जगह रहते है जिन्हें कई बार ग्राम में ही निवास करने को कहा गया लेकिन वह रोज अन्य जगह से अप-डाउन ही करते है। जिसके कारण ग्रामवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बता दे कि, उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ सीएचओ दुर्गा खराड़ी बामनिया में निवास करती है जो रोज 11 बजे तक उपस्वास्थ्य केंद्र पहुंचती है व शाम 4-5 बजते ही रवाना हो जाती है। वही एएनएम रामेश्वरी गेहलोत रतलाम निवास करती है जो विगत 18 से 20 दिनों से अपने कर्तव्य स्थल पर नही आ रही है। बात करे आशा कार्यकर्ता रेखा बिलवाल ग्राम में ही निवास करती है। यदि किसी रात कोई गंभीर समस्या उतपन्न होती है तो निश्चित ही किसी को भी कोई भी स्वास्थ्य सुविधा मोके पर उपलब्ध नही हो पाएगी। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा।