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एसडीएम के विरूद्ध एक के बाद एक कई विभाग हुए नाराज, लिखित में दर्ज करवाई शिकायत
Report By: राकेश गेहलोत 02, Jan 2025 3 days ago

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पटवारी संघ द्वारा एसडीएम के विरूद्ध तहसीलदार को ज्ञापन देते हुए। 

एसडीएम की मनमानी और रवैये से नाराज हुए पटवारियों ने एसडीएम कार्यालय पर दिया धरना

तीन माह का कार्यकाल रहा विवादित, केबिनेट मंत्री तक पहुँची शिकायत के बाद भी नही बदला रवैया

माही की गूंज, पेटलावद। 

      सिविल सर्विसेस जैसी कठिन परीक्षा पास करके बड़े पद पर पहुँचने वाले अधिकारियों को जमीनी हकीकत से रूबरु होने। तथा जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं को अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुँचने की व्यवस्था को समझने के लिए नए नवेले आइएएस और आईपीएस को जिले केे एक चयनित विकास खण्ड स्तर पर टेªनी हेतु भेजा जाता है। झाबुआ जिले में पेटलावद विकास खण्ड को इस व्यवस्था के लिए चुना गया है और यहां पिछले एक-डेढ़ दशक से सिविल सेवा से चयनित अधिकारी आ रहे हैं। जिन्होंने आमजनता के साथ-साथ प्रशासन को भी अच्छे तरीके से चलाते हुए अपनी बड़ी छाप छोड़ी। ओर आज प्रदेश के जिलों में कलेक्टर और जिला सीओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे हैं। विकास खण्ड पेटलावद में दो वर्षो तक एसडीएम राजस्व की बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने मूल पद पर पहुँचे है। इस दौरान कोई बड़ा विवाद नही हुआ जो मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम के विरुद्ध आया हो। लेकिन लगभग तीन माह पूर्व पदस्थ हुई आईएएस तनुश्री मीणा का अब तक छोटा सा कार्यकाल विवादित होता जा रहा है।

एसडीएम की कार्य प्रणाली से नाराज प्रांतीय पटवारी संघ ने दिया धरना

   तहसील में जब से आईएएस अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तनुश्री मीणा पदस्थ हुई है तभी से उनका विवादों से नाता रहा है। चाहें आम जनता के आय, जाति, निवासी प्रमाण-पत्र बनाने की बात हो या फिर अधिकारियों, कर्मचारियों से जिस प्रकार का व्यवहार एसडीएम के द्वारा किया जाता है उससे भी कई विभागों के कर्मचारी नाराज चल रहे है। हो सकता है आनेवाले समय मे इस प्रकार की कार्य प्रणाली से अन्य विभाग भी धरना आंदोलन की राह पर चलने के लिए मजबूर हो जाये। सोमवार को एसडीएम के द्वारा राजस्व विभाग के पटवारियो की बैठक बुलाई गई थी। जिसका बहिस्कार करते हुए प्रांतीय पटवारी संघ ने एसडीएम कार्यालय के सामने सड़क पर विरोध प्रदर्शन करते हुए धरनें पर बैठ अपनी मांगो का ज्ञापन सौप कर, दो दिन की चेतवानी देकर अपना धरना आंदोलन समाप्त किया।

    पटवारी संघ के अध्यक्ष ईश्वरलाल पाटीदार ने बताया कि, ज्ञापन तहसीलदार हुकमसिंह निगवाल को सोपा गया। जिसमें दोनों पटवारी की बहाली और बार-बार नोटिस देने की प्रक्रिया पर रोक लगे की मांग की गई। टेक्निकल कारण से आ रही समस्याओं का निराकरण होने पर सभी पटवारी हमेशा अपने कार्य में सक्रिय हैं। एसडीएम के आदेश क्रमांक 5528/ आ.का./2024 पेटलवाद दिनांक 30/12/2024 के द्वारा पटवारी पंकज पटेल हल्का नम्बर 64 एवं आदेश क्रमांक 5530/आ.का./2024 पेटलावद के द्वारा पटवारी कमल ठाकुर, हल्का नम्बर 25 को आबादी सर्वेक्षण (स्वामित्व) के कार्य मे कथित लापरवाही बरतने के संबंध मे निलंबित किया गया है। जिसपर प्रांतीय पटवारी संघ का कहना है कि, हमारे साथियो के द्वारा समय पर कार्य करने के पश्चात भी निलंबन की कार्यवाही की गई इसका पटवारी संघ विरोध करता है। पटवारी पंकज पटेल व कमल पटेल का तत्काल बहालिकरण नही किया गया तो पटवारी संघ समस्त शासकीय कार्यो एवं एसडीएम का बहिस्कार करेंगे एवं तहसील ग्रुप से लेफ्ट होकर आंदोलन की राह पर चलेंगे।

    इस संबंध में तहसीलदार हुकम सिंह निगवाल ने बताया कि, पटवारी संघ द्वारा ज्ञापन दिया गया है। इस पर उच्च अधिकारियों से निर्देश लिये जायेगे।

स्वास्थ्य विभाग ने भी अपशब्दो के प्रयोग का लगाया आरोप

     ऐसा नही की मेडम की कार्यप्रणाली से केवल पटवारी नाराज हैं, कई विभागों के माध्यम से चल रही सरकारी योजनाओं के काम करने के दौरान उन विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार और अपशब्दों का प्रयोग करने के मामले चर्चा में आये है। स्वास्थ्य विभाग की और से एसडीएम तनुश्री मीणा के विरुद्ध लिखित शिकायत केबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया, जिला कलेक्टर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी आदि को जिंसमे एसडीएम तनुश्री मीणा के व्यवहार को गलत बताते हुए कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ अपशब्दों का प्रयोग करने सहित कई गम्भीर आरोप लगाये है।

पुलिस विभाग से भी हो चुकी हैं हुज्जत

       नवागत एसडीएम तनुश्री मीणा आते ही विवादों में घिर गई है। उनके आने के बाद सोयाबीन के भावों को बढ़ाने के लिए हुए किसानों के जल सत्याग्रह आंदोलन में भी एसडीएम उक्त आंदोलन को समय पर सम्भाल नही पाई। उनके रवैये के चलते मामला प्रदेश स्तर तक चला गया। एसडीएम के साथ-साथ जिला कलेक्टर हाय-हाय के नारे लग गए। भड़की हुई एसडीएम ने किसान नेताओं पर पुलिस प्रकरण तक दर्ज करवाने के भरचक प्रयास किये और पटवारी से अभद्र व्यवहार करने को लेकर ज्ञापन लिया और पुलिस पर प्रकरण दर्ज करने का दबाब बनाया। शिकायत की जांच के दौरान शिकायत करने वाले पटवारी कानूनी कार्यवाही नही करने का बयान थाने में दर्ज करवा आये। इसके बाद भी पुलिस पर लगातार किसान नेताओं को उलझाने का प्रयास उनकी ओर से किया गया जो असफल रहा। जिसकी खिंच पूर्व थाना प्रभारी प्रदीप वॉल्टर पर निकाली और उन पर कई आरोप लगा कर कलेक्टर को लिखित शिकायत कर दी। आखिर कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद थाना प्रभारी प्रदीप वाल्टर को हटाया गया। विभागों की बैठक के दौरान लेट पहुँचे थाना प्रभारी प्रदीप वाल्टर के साथ भी अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए उन्हें बैठक में नही आने दिया। नगर परिषद सीएमओ के सहित, विभाग के कई अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार की चर्चा प्रशासन के कर्मचारियों के बीच लगातार हो रही है। जाति प्रमाण-पत्र को लेकर भी मेडम की कार्यप्रणाली विवादों में घिरी हुई है और मनमाने ढंग से जाति प्रमाण-पत्र के आवेंदनो को निरस्त कर लोगो को बेवजह परेशान किया जा रहा है। नगर की स्कूलों में केबिनेट मंत्री के द्वारा साइकिल वितरण कार्यक्रम में लगातार शिकायतो के चलते मंच पर केबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया की ओर से हिदायत मिलने पर भी एसडीएम का रवैया सही नही रहा और चलते कार्यक्रम में वीसी का हवाला देकर निकल गई। वही विकास खण्ड में आयोजित अन्य कार्यक्रमों में भाग नही लिया।

भाजपा की किरकिरी  

    पूरे मामले में भाजपा की प्रशासनिक व्यवस्था की भारी किरकिरी हो रही है, कई मामलों के सामने आने के बाद भाजपा नेताओं द्वारा भी मेडम उनके अड़ियल रवैया बदलने ओर आम जनता के कार्य के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर दिए जाने की बात कही गई। बताया जा रहा है, भाजपा नेताओं के साथ एसडीएम का वही रवैया रहा और मेडम से कह कर ट्रांसफर करवाने तक की बात कह डाली। एसडीएम तनुश्री मीणा के व्यवहार के चलते कई नेताओं के माध्यम से अलग-अलग शिकायत केबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुँच गई है। भाजपा नेताओं की तो किरकिरी हो ही रही है, साथ-साथ प्रदेश की भाजपा सरकार की जबरदस्त किरकिरी हो रही है।

     बताया जा रहा है, पटवारीयो के धरने के बाद एसडीएम मेडम रात में ही कलेक्टर के पास पहुँच गई, जहा कलेक्टर ने भी लगातार शिकायतो के चलते एसडीएम को फटकार लगाई। फिलहाल सामने आ रहा है कि, एसडीएम कुछ दिनों की छुट्टी पर चली गई है। आने वाले दिनों इस मामले को लेकर बड़ी हलचल देखने को मिलेगी। आज पटवारी संघ इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर के पास अपना पक्ष लेकर जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई लिखित शिकायत।


टवारी  संघ द्वारा दिया गया ज्ञापन।


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